कोटा-हंसपाल यादव।
कोटा के एक घर में तेंदुआ घुस गया। वह किचन में जाकर बैठ गया। रसोई में तेंदुए को देख घर में रहने वाले व्यक्ति और उसकी पत्नी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। वे अपनी जान बचाने के लिए चीखते-चिल्लाते रहे और तेंदुआ किचन में बैठा गुर्राता रहा। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज करके तेंदुए को काबू किया। उसे अभेडा बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया। लेकिन, तब तक वह चार लोगों को पंजा मारकर घायल कर चुका था। घर की रसोई में तेंदुआ करीब तीन घंटे तक बैठा रहा। गैस चूल्हे के पास बैठे तेंदुए को वन विभाग की टीम ने मुश्किल से काबू में किया।लोगों का शोर सुनकर छत पर चढ़ गया
स्थानीय लोगों ने बताया कि महावीर नगर कॉलोनी के शिव ज्योति कॉन्वेंट स्कूल के आसपास के इलाके में तेंदुआ देखा गया था। उसने यहां अलग-अलग जगहों पर 4 लोगों पर हमला किया। लोगों का शोर सुनकर वह एक घर की छत पर चढ़ गया था। यहां से सीढिय़ों के सहारे उतरकर घर के किचन में पहुंचा। वन विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो तेंदुआ किचन में ही था। टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया, इसके बाद डंडे में कपड़ा बांधकर उसकी आंखों के पास ले जाकर यह श्योर किया कि वह बेहोश हो गया है। इसके बाद उसे वहां से ले जाया गया।
मैं काम कर रही थी, तभी गुर्राने की आवाज आई।
जिस घर में तेंदुआ घुसा था, उसमें रहने वाली ऊषा नंदवाना ने बताया कि हम करीब ढाई घंटे तक कमरे में कैद रहे। मैं घर का काम कर रही थी। पति दूसरे कमरे में थे, तभी गुर्राने की आवाज आई। देखा तो वहां तेंदुआ था। वह सीधा किचन में घुस गया। हम पति-पत्नी एक कमरे में गए और दरवाजा बंद कर लिया। मदद के लिए आवाज लगाई फिर पड़ोसियों और रिश्तेदारों को फोन किया। घायल रामविलास ने बताया कि उसने मेरे हाथ का पंजा चबा लिया। इसके बाद भी वह लगातार मुझ पर हमले का प्रयास करता रहा।
हमले की कहानी, घायलों की जुबानी।
घायल रामविलास मीणा (56) ने बताया कि मैं शनिवार सुबह करीब 7 बजे वॉक से वापस आया और पक्षियों को दाना डालने के लिए जैसे ही छत का दरवाजा खोला, सामने तेंदुआ नजर आया। उसने गुर्राते हुए हमला कर दिया। मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़ लिया। वह गर्दन पर लपक कर हमला कर रहा था। वह भागकर पड़ोसी की छत पर कूद गया। मयंक मीणा ने बताया कि सुबह 6 बजे घर का गेट खोलने गए थे। उस समय तेंदुआ नीचे बैठा हुआ था। फिर वह ऊपर आ गया और हमला करके भाग गया। दूसरी गली में दो लोगों पर अटैक किया। हरिशंकर वर्मा ने बताया कि सुबह सात बजे छत पर किसी के कूदने की आवाज आई। मुझे लगा कि शायद बंदर होगा। मैं सब्जी लाने के लिए घर से निकला। जैसे ही दरवाजा खोला तो पोर्च में तेंदुआ बैठा था। मुझे देखते ही मेरी तरफ लपका। मैंने दोनों हाथों से उसकी गर्दन पकड़ी और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। वह पंजों से वार करने लगा। जैसे-तैसे तेंदुए को धकेलकर अंदर भागा और दरवाजा बंद कर लिया।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर बृजमोहन बैरवा बोले चंबल किनारे से आया तेंदुआ।
दो-तीन लोगों पर तेंदुए ने अटैक किया है। उनकी स्थिति गंभीर नहीं है। उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। तेंदुआ कहां से आया है। अभी इसकी जानकारी नहीं है। यह इलाका चंबल नदी से नजदीक है। चंबल के किनारे जंगल है। वहीं से तेंदुआ आया होगा। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।