जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर ने स्वायत्त शासन निदेशालय से बर्खास्तगी मामले के नोटिस का जवाब देने के लिए एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर 1 महीने का समय मांगा था। स्वायत्त शासन निदेशालय ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए 1 महीने की जगह 7 दिन का समय और दिया है। ऐसे में सौम्या अब 25 नवंबर तक बर्खास्तगी मामले को लेकर स्वायत शासन निदेशालय में अपना जवाब दे सकेगी।इससे पहले 11 नवंबर को मेयर सौम्या गुर्जर को राज्य सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसमें सरकार ने सौम्या को स्वायत्त शासन निदेशालय (DLB) डायरेक्टर ह्रदेश कुमार के समक्ष अपना जवाब पेश करने के लिए 18 नवंबर तक वक्त दिया था। वहीं 16 नवंबर को सौम्या गुर्जर ने स्वायत्त शासन निदेशालय पहुंच जवाब देने के लिए 30 दिन का वक्त मंगा था। सौम्या को जो नोटिस जारी किया है उसमें उनसे पूछा कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार की ओर से क्यों न नगर निगम ग्रेटर जयपुर के वार्ड संख्या 87 की सदस्यता और मेरा मेयर ग्रेटर नगर निगम जयपुर के पद से हटाने और अगले 6 साल तक पुर्ननिर्वाचन के लिए निर्योग्य घोषित कर दिया जाए। अत: इस संबंध में आप अपना जवाब 18 नवंबर तक पेश करें। हाईकोर्ट ने 10 नवंबर को ही सौम्या गुर्जर की ओर से जारी याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार के उस ऑर्डर को निरस्त कर दिया था। जिसमें सौम्या को मेयर और पार्षद के पद से बर्खास्त किया था। कोर्ट के इस आदेशों के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने महापौर के उपचुनाव की प्रक्रिया को रोक दिया था।