राजसमंद/जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान मे शनिवार और रविवार को वनरक्षक परीक्षा हुई थी। 12 नवंबर यानि की शनिवार को दूसरी पारी के पेपर की आंसर शीट एग्जाम से पहले ही वॉट्सऐप पर आ गई थी। पुलिस ने पेपर लीक में बिजली विभाग के कर्मचारी सहित 10 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि 5 लाख में पेपर खरीदा गया और 6-6 लाख रुपए में बेच दिया। कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि शनिवार को हुए दूसरी पारी के पेपर को रद्द कर दिया। जिन अभ्यर्थियों ने दूसरी पारी का पेपर दिया था, उनके लिए जनवरी में फिर से वनरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।राजसमंद एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि एसओजी गोपनीय सूचना के आधार पर जानकारी मिली की परीक्षा से पहले अभ्यर्थी दीपक शर्मा के पास आंसर शीट है। 12 नवबंर की दूसरी पारी के पेपर से एक घंटे पहले ही दोपहर 1.30 बजे दीपक शर्मा को आंसर शीट मिल चुकी थी। दीपक के वॉट्सऐप की जांच की तो उसमें 62 आंसर विकल्पों के साथ मिले। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दीपक ने पुलिस को बताया कि उसे 9461*** सीरीज के वॉट्सऐप नंबर से यह आंसर-शीट मिली थी। वॉट्सऐप वाइस कॉल पर 12 नवंबर को हुई परीक्षा के दूसरी पारी के प्रश्न पत्र के उत्तर के लिए उसने 5 लाख रुपए में डील की थी। डील के तहत आंसर शीट वॉट्सऐप पर परीक्षा से करीब 1 घंटे पहले उपलब्ध कराने की बात हुई थी। पुलिस ने पूछा कि किस सोर्स से पेपर मिला तो जयपुर के पवन सैनी का नाम सामने आया। पुलिस ने पवन को भी हिरासत में ले लिया है। पूछताछ में दीपक ने बताया कि यह हल पेपर उसने उसके परिचितों करौली के सपोटरा निवासी जितेंद्र कुमार सैनी और दौसा में लालसोट के हेतराम मीणा को 6-6 लाख रुपए में बेच दिया। दीपक ने इन दोनों को वॉट्सऐप पर पेपर भेज दिया था। पुलिस ने माना कि दीपक, पवन सैनी, जितेंद्र सैनी, हेतराम व अन्य ने संगठित होकर पेपर लीक किया। फिलहाल पुलिस ने दीपक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी 9 अन्य को पेपर लीक का संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया है। पुलिस ने दीपक शर्मा व अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी, धारा 3,6,10 (राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय अधिनियम 2022) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
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