जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड में पांचवें आरोपी मोहम्मद मोहसिन को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने मामलों से जुड़ी  सीबीआई कोर्ट क्रम एक में पेश किया। जब मोहसिन को कोर्ट में एनआईए लेकर आई तो उसके हाथों में हथकड़ी नहीं थी। लेकिन जब रिमांड मांगकर वापस ले जाने लगे तो उसे हथकड़ी पहना दी गई। साथ ही उसका मुंह काले रंग के कपड़े से ढका हुआ था। केवल उसकी आंखें ही दिखाई दे रही थी। दरअसल हुआ यूं कि एनआईए ने रिमांड प्रार्थना पत्र के साथ कोर्ट में अर्जी लगाई कि आरोपी मोहम्मद मोहसिन को बापर्दा रखा जाए और उसे हथकड़ी लगाने की इजाजत दी जाए। कोर्ट एनआईए की ओर से दी गई दलीलों पर संतुष्ट हो गई और जांच एजेंसी की दोनों मांगों को स्वीकार कर लिया गया। तत्काल एनआईए ने कोर्ट की तीसरी मंजिल पर हथकड़ी मंगवाई। जैसे ही 12 जुलाई तक की रिमांड मोहसिन को दी गई और कोर्ट ने बाहर भेजा तो कोर्टरूम के ठीक बाहर मोहसिन को हथकड़ी लगाई गई और एनआईए उसे बापर्दा लेकर गई।पुलिस किसी भी मुल्जिम को हथकड़ी तब तक नहीं पहना सकती है, जब तक की कोर्ट से अनुमति ना ली गई हो। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट का है। सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों पहले सुनील बत्रा बनाम स्टेट मामले में यह निर्णय किया था। इसलिए मोहसिन को हथकड़ी पहनाने से पहले एनआईए को अदालत की अनुमति लेनी पड़ी।