जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड योजना में उत्कृष्ट कार्य करने पर राजस्थान को भारत सरकार ने सम्मानित किया है। नई दिल्ली में आयोजित समारोह में भारत सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार तथा रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल को पुरस्कार दिया है। राजस्थान को यह पुरस्कार एग्री इंफ्रा फण्ड योजना में राइजिंग स्टेट के रूप में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर मिला है। रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि एग्री इंफ्रा फण्ड योजना में अनुमोदित प्रोजेक्ट्स (राशि 747.17 करोड़ रू.) की दृष्टि से राज्य का देश में दूसरा स्थान है। राज्य में कुल 781 प्रोजेक्ट्स अनुमोदित किये गये हैं । प्रोजेक्ट्स हेतु वितरण की गई ऋण राशि (559.50 करोड़ रू.) की दृष्टि से भी राज्य का देश में दूसरा स्थान है। अब तक राज्य में कुल 713 प्रोजेक्ट्स को ऋण दिया गया है। अग्रवाल ने बताया कि कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के लिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड योजना है। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, विपणन सहकारी समितियों, कृषकों, कृषक उत्पाद संगठनों, स्वयं सहायता समूह, स्टार्टअप, कृषि उद्यमियों इत्यादि को पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स तथा कम्यूनिटी फार्मिंग असेट्स बनाने के लिए ऋण की सुविधा उपलब्ध कराते हुए इस पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान देय है। ब्याज अनुदान लाभ हेतु योजना की अवधि वर्ष 2020-21 से 2032-33 तक है।रजिस्ट्रार ने बताया कि योजना में वेयर हाउस, साईलो, कोल्ड चैन लोजिस्टिक सुविधा, पैक हाउस, ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म, ग्रेडिंग एव सोर्टिंग, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेन्टर, फल पकाने के कक्ष इत्यादि इकाइयों को लाभ मिल सकेगा। सामुदायिक कृषि परियोजनाओं में आर्गेनिक इनपुट के उत्पादन की इकाईयों, स्मार्ट एवं प्रिसीजन फार्मिंग के लिए ढांचागत विकास, क्लस्टर्स में सप्लाई चैन इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, इन क्षेत्रों में पीपीपी आधारित प्रोजेक्ट्स आदि को लाभ मिल सकेगा। अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान सरकार की कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 के साथ उक्त ए.आई.एफ. योजना का समावेशन किया गया है। जिसमें पूंजीगत अनुदान अधिकतम 50 प्रतिशत एवं ब्याज अनुदान - अधिकतम 6 प्रतिशत दिया जा रहा है। नाबार्ड की पैक्स व लैम्प्स को बहुसेवा केन्द्रों में परिवर्तित करने की योजना के साथ समावेशन किया जाकर उक्त योजनाओं का लाभ भी सहकारी समितियों को दिया जा रहा है। राज्य में सहकारिता विभाग को योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल विभाग किया है।
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