जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
उदयपुर हत्याकांड के चलते चारों तरफ आक्रोश का माहौल फैल गया है। ऐसे में हालात को काबू करने के लिए पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में नोटबंदी कर दी गई है। हालांकि कुछ जिलों में नेट सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है। लेकिन जयपुर में रविवार शाम तक नेट बंदी लागू थी। ऐसे में जयपुर व्यापार महासंघ ने दावा किया है कि नेट बंदी के कारण करोड़ों रुपए का कारोबार पिछले कुछ दिनों में प्रभावित हुआ है।जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कहा है कि प्रशासन की ओर से नेट बंद किए जाने से व्यापार का नुकसान हो रहा है। विशेष रूप से लघु कारोबारियों जैसे सब्जी व फल, चाय, रेस्टोरेन्ट, ठेले, किराना व्यापारी से लेकर अन्य रिटेल होलसेल कारोबार को नुकसान हुआ है। जयपुर व्यापार महासंघ ने दावा किया है कि हाल ही में हुई इस नेट बंदी के बाद अकेले जयपुर में 40000 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है। नेट बंदी के कारण नागरिकों को पानी, बिजली टेलीफोन के बिल पेमेंट करने में असुविधा हो हुई। नेटबंदी के कारण विद्यार्थियों को भी काफी असुविधा हो रही है। बैंक लेनदेन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसे में व्यापार संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और कहा है कि नेटबंदी की जगह प्रशासनिक जागरूकता व सतर्कता से कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने की तरफ ध्यान दिया जाए व नेटबंदी को अंतिम विकल्प के रूप में ही काम लिया जाए। व्यापारियों का यह भी कहना है कि नेट बंदी से सिर्फ व्यापारियों को ही नहीं, बल्कि सरकार को भी प्रतिदिन 400 से 500 करोड़ रुपए का नुकसान टैक्स के रूप में हो रहा है। ऐसे में जल्द से जल्द नेटबंदी को बंद किया जाए, ताकि व्यापार फिर से पटरी पर लौट सके।
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