जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के निर्देश पर विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ के राज्य स्तरीय जांच दल ने सीकर, कोटपूतली (जयपुर) और अजमेर जिलों में सीमेंट यूनिटों पर कार्यवाही कर फर्मों के खिलाफ मामले दर्ज किए। जांच दल ने सीकर जिले में मैसर्स अल्ट्राटेक नाथद्वारा प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कोटपूतली में उपयोग में लिए जा रहे व्हेब्रिज (धर्मकांटों) की मात्रात्मक शुद्धता की जांच की जिसमें दो मशीन (धर्मकांटे) में वजन विचलन (मात्रात्मक भिन्नता) पाई गई। इन फर्मों को सत्यापन होने तक बंद कर दिया गया है। साथ ही विधिक माप विज्ञान (डिब्बाबंद वस्तुएं) नियम 2011 के नियम 27 की पालना नहीं करने पर प्रकरण दर्ज करने की करवाई की गई है। साथ ही श्री सीमेंट लिमिटेड, ब्यावर (अजमेर) में विधिक माप विज्ञान अधिनियम की पालना पाई गई। विधिक माप विज्ञान के उप नियंत्रक ने कहा कि जिस फर्म ने अभी तक विधिक माप विज्ञान (डिब्बाबंद वस्तुएं) नियम 2011 के नियम 27 की पालना नहीं की है, ऐसी फर्मो पर तत्काल कार्यवाही की जाए। साथ ही फर्म अपने पंजीयन के लिए स्वयं की एसएसओ आईडी बनाकर विभागीय मैट्रोलोजी ऐप पर अपना आवेदन स्वयं या ई मित्र के माध्यम से अनलाइन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा ना करना विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बाट या माप के संबंध में उपभोक्ताओं द्वारा शिकायतें राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 18001806030 एवं ईमेल आईडी stateconsumerhelpline-raj@gmail-com पर भी दर्ज कराई जा सकती हैं।
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