अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।
सरिस्का बाघ परियोजना में अग्नि दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्रों पर अग्नि के फैलाव पर पूर्ण नियंत्रण पा लिया गया है।सरिस्का बाघ परियोजना, अलवर के वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक आर.एन मीणा ने बताया कि अग्नि पर नियंत्रण पाने के उपरान्त सक्षम स्तर से भारतीय वायु सेना के हैलीकॉप्टर्स को अपने गन्तव्य स्थानों पर भिजवाने का निर्णय लिया गया। अग्नि प्रभावित वन क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर अग्नि के पुनः फैलाव को रोकने के लिए वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पूर्ण निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि 29 मार्च से 31 मार्च तक भारतीय वायु सेना के दो हैलीकॉप्टर्स द्वारा 23 राउंड लगाकर अग्निशमन कार्यवाही की गई। हैलीकॉप्टर्स द्वारा अग्निशमन कार्यवाही के अतिरिक्त ग्राउंड लेवल पर अग्नि प्रभावित क्षेत्रों पर वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, नेचर गाइड्स, एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, ईको डवलपमेंट कमेटी के सदस्य तथा समीपस्थ ग्रामीणों द्वारा अग्नि के फैलाव के रोकथाम के लिए सामूहिक भरसक प्रयास किए गए। उन्होंने बताया कि  पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा 30 मार्च से 31मार्च तक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर 29 मार्च से 31 मार्च तक वन एवं सरिस्का अभयारण्य में मौजूद रहकर अग्नि प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर दावानल की रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सरिस्का बाघ परियोजना, अलवर के वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक, कार्यवाहक जिला कलक्टर श्रीमती सुनीता पंकज, डीएफओ सरिस्का, डीएफओ अलवर, डीएफओ जयपुर एवं वन विभाग के अधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों ने अग्निशमन कार्यवाही के दौरान टीम भावना के साथ काम किया।