बारां-कोटा-हंसपाल यादव।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बारां में एक बार फिर से राजस्थान सरकार के कार्यों और उसकी कार्यशैली को लेकर बड़े सवाल उठाए है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जहां जल जीवन मिशन योजना पर राजस्थान की सरकार पर सवाल उठाते हुए साफ शब्दों में कहा है कि पिछले 3 सालों में राजस्थान की सरकार योजना में फिसड्डी साबित हुई है। उन्होंने बिजली संकट पर कहा कि जब-जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रहती तब-तब बिजली और कोयले का संकट राज्य में रहता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए शेखावत ने कहा कि गहलोत कोयले के लिए छतीसगढ से लेकर सोनिया गांधी के दरवाजे तक दस्तक दे आए लेकिन कोयला नहीं मिला। जिसने चोर दरवाजे से सरकार का कोयला बेचा राज्य सरकार कोयला ढुढंने के बजाय उसकी जांच करे। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार और उसके अफसर योजना को किसे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
योजना में अब तक भारत सरकार की ओर से जारी किए गए फंड में से महज 30 परसेंट फंड का भी अब तक उपयोग नहीं किया गया है। शेखावत ने यहां तक कहा कि राजस्थान सरकार ने महज 300 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए हैं, जबकि 3000 करोड़ रुपए भारत सरकार की ओर से जारी किए जा चुके हैं। वहीं राजस्थान में बढ़ते अपराध और हो रही सांप्रदायिक घटनाओं को लेकर भी शेखावत ने सीएम गहलोत को जमकर आड़े हाथों लिया। शेखावत ने कहा कि अपराध होते हैं और सांप्रदायिक झगड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन ना तो करौली जैसी घटनाओं पर नकेल कसी जा रही है ना ही अलवर जैसी घटनाओं पर सरकार फेल हो रही है।
ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर सियासत।
शेखावत ने गहलोत सरकार का ERCP प्रोजेक्ट के नियमों के तहत नहीं राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे। राजस्थान में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर सियासत जारी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है वह नियमों के तहत नहीं है। राजस्थान में ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर सियासत जारी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है। उसकी डीपीआर तक पास नहीं हो पाई है और प्रोजेक्ट भी नियमों के तहत नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की राजधानी जयपुर में जल जीवन मिशन को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। जिसमें विभिन्न कारणों के चलते 25 में से 18 सांसद शामिल हुए। शेखावत ने कहा जिस प्रकार का प्रोजेक्ट अभी राजस्थान सरकार ने बनाया है। उसमें संशोधन होना जरूरी है। क्योंकि हम उस प्रस्ताव के आधार पर राज्यों में व्यापक जल संबंधों की चुनौतियां खड़ी नहीं कर सकते। शेखावत ने कांग्रेस नेताओं को इस मामले में मीडिया में बयान देने के बजाए दिल्ली आकर प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कर समाधान की दिशा में आगे बढ़ने की नसीहत दी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार रात ट्वीट करके लिखा था कि सभी सांसद बैठक में ईआरसीपी प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट का दर्जा देने के संबंध में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भी भेजें। सीएम के इसी बयान पर मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की संकल्पना भी भाजपा की ही सरकार के कार्यकाल में हुई थी। जिसमें पार्वती चंबल और कालीसिंध की नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव भी था। गहलोत सरकार का कोई मंत्री या अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर मेरे कार्यालय या विभाग भी नहीं आया।शेखावत ने कहा मैंने प्रदेश के जलदाय मंत्री महेश जोशी से भी कहा है कि हम इस मामले में राजनीति न करें और बार.बार मीडिया में स्टेटमेंट देने से भी बचें। बल्कि इस प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं के समाधान के लिए अधिकारियों के साथ दिल्ली आएं और बैठकर वार्ता करें। ताकि उसके आधार पर इसका समाधान हो सके।
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