जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान मे बीते दो दिन पहले एसीबी की तरफ से एक वरिष्ठ आरएएस अधिकारी को बिना प्रोसेस के पूछताछ के लिए ले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर आरएएस एसोसिएशन ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को शिकायत दी और संबंधित एसीबी के अधिकारी को निलंबित करने की मांग की। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अधिकारी वर्ग में ही टकराव की स्थिति बन गई है। दरअसल दो दिन पहले आरएएस अधिकारी भागचंद बधाल को पूछताछ के लिए एसीबी के एडिशन एसपी नरोत्तम वर्मा अपने साथ ले गई। आरएएस अधिकारी को बिना किसी प्रोसेस के पूछताछ के मामले ने अधिकारी वर्ग में हलचल मच गई। मामला मुख्य सचिव तक पहुंच गया। यहां एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि इस तरह बिना किसी प्रोसेस के एक वरिष्ठ रैंक के अधिकारी को एसीबी पूछताछ के लिए उठा ले जाती है और बाद में एक एसआई रैंक का अधिकारी उनसे पूछताछ करता है, ये बेहद शर्मनाक और दुर्भायपूर्ण है। एक  वरिष्ठ आरएएस अधिकारी को बिना किसी सबूत के एसीबी पूछताछ के लिए कैसे ले जा सकती है? इस दौरान एक आरएएस अधिकारी ने तो इतना तक कह दिया कि मेरी और पूछताछ के लिए ले जाने वाले एसीबी के अधिकारी की संपत्ति की जांच करवा लो, दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा। जिसकी संपत्ति आय से ज्यादा हो उसे जेल में डाल दो। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने मामले को सुलझाने के लिए एसीबी के उच्च अधिकारियों को भी बुलाया और एसीबी के अधिकारी से माफी मंगवाने की बात कही, लेकिन आरएएस एसोसिएशन के अधिकारी एसीबी अधिकारी के निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने दो टूक कहा कि पूरे प्रदेश में हड़ताल पर भी जाना पड़ा तो जाएंगे, लेकिन इस बार माफी नहीं निलंबन चाहिए। एसीबी अधिकारियों के पूछताछ पर ले जाने के बाद आरएएस अधिकारी ने अपनी पीड़ा अपने ही कैडर के अधिकारियों से शेयर की। उन्होंने अधिकारियों के बनाए एक सोशल मीडिया ग्रुप पर अपनी पोस्ट में लिखा कि "एसीबी गुरुवार को मुझे ले ही गई, ट्रीट भी ऐसे किया जैसे में भ्रष्ट हूं। यह आरएएस कैडर का दुर्भाग्य ही कहूंगा। कुछ अधिकारी इसे सामान्य बात मान सकते हैं, लेकिन यदि मुझे एसीबी ले जा सकती हैं तो फिर सभी को इसके लिए तैयार रहना चाहिए'। यह पोस्ट अधिकारियों के ग्रुप पर जबरदस्त वायरल हुई और इस पर  अधिकारियों ने अलग-अलग कमेंट किए। इस पोस्ट के बाद आरएएस एसोसिएशन ने इसे गंभीरता से लेकर रणनीति बनाई।