जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
झालाना स्थित ललित कला अकादमी में कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला की अध्यक्षता में आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत संस्कृति संवर्धन सम्मान समारोह आयोजित हुआ। राजस्थान में पहली बार आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में राजस्थान ललित कला अकादमी, राजस्थान संस्कृत अकादमी, उर्दू अकादमी, सिंधी अकादमी, राजस्थानी भाषा एवम् साहित्य अकादमी, ब्रज भाषा अकादमी सहित राज्य की 7 अकादमियों से जुड़े साहित्यकारों, कलाकारों व शिल्पकारों को पुरस्कृत किया गया। डॉ कल्ला ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि कला, संगीत एवं साहित्य के बिना मनुष्य एक बिना सींग वाले पशु के समान ही है। डॉ कल्ला ने कहा की प्रदेश के साहित्यकारों ने महान साहित्य रचा है परन्तु वर्तमान पीढ़ी मोबाइल के अत्यधिक उपयोग के कारण निरन्तर साहित्य से दूर होती जा रही है। उन्होंने समाज के मूर्धन्य साहित्यकारों को पात्र विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने का आव्हान किया ताकि प्रदेश की साहित्यिक विरासत आगे बढ़ सके। साथ ही उन्होंने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के विषय पर कहा कि मायड़ भाषा को सम्मान दिए बिना कोई सार्थक प्रगति सम्भव नहीं है तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलने से हिन्दी भी मजबूत होगी। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव कला एवम् संस्कृति, श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि कला एवं साहित्य जीवन के अभिन्न अंग हैं तथा आज की तेज रफ्तार जीवन शैली में युवाओं को साहित्य से जोड़ने हेतु स्थापित साहित्यकारों की सेवाएं आवश्यक है। कार्यक्रम का स्वागत उदबोधन संयुक्त सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग, पंकज ओझा ने दिया वही संजय झाला ने धन्यवाद वक्तव्य दिया।
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