उदयपुर-भगवान प्रजापत।
दौसा जिले के लालसोट में महिला डॉक्टर के सुसाइड मामले में प्रदेशभर के चिकित्सक लामबंद हो गए और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पर प्रदेश भर में 24 घंटे के लिए निजी चिकित्सालय सहित लैब बंद रही। इसी कड़ी में बुधवार को उदयपुर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले चिकित्सकों ने जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा। आईएमए उदयपुर के अध्यक्ष डॉ. आंनद गुप्ता ने बताया कि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए बने एक्ट का प्रभावी असर नहीं दिखाई दे रहा है।
इसलिए महिला चिकित्सकों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। महिला चिकित्सक ने पूरे प्रयास किए लेकिन मरीज की जान नही बचा सकी। ऐसे में उनके परिजनों द्वारा हॉस्पिटल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर डॉ. शर्मा पर दबाव बनाने की कोशिश की और उनको बदनाम किया गया। डॉ. शर्मा ने बदनामी के डर से आत्महत्या कर ली। इस मामले में कही न कही पुलिस भी जिम्मेदार है। पुलिस निष्पक्ष तरीके से जांच करती और चिकित्सक के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद मामला दर्ज होता तो शायद डॉ. शर्मा आत्महत्या नहीं करती। आईएमए के सचिव डॉ. प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकरण में पुलिस ने धारा 302 में प्रकरण दर्ज कर लिया। जबकि यह एक मेडिकल एक्सीडेंट है। पुलिस की और से प्रकरण दर्ज करने के बाद डॉ. शर्मा दबाव मे आ गई और उन्होंने आत्महत्या करना ही उचित समझा। इस मौके पर आईएमए के साथ चिकित्सको के अन्य संगठन अरिस्दा के जिलाध्यक्ष डॉ. शंकर बामणिया, सचिव डॉ. तरूण व्यास, उदयपुर ग्यानेकॉलोजी सोसासटी के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश जैन, सचिव डॉ. प्रदीप बंदवाल, आरएनटी मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय गुप्ता, सचिव डॉ. दीपक आमेटा, आरडीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजवीर सिंह, आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिसींपल डॉ. लाखन पोसवाल, एमबी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन सहित कई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद थे।
डॉ. शर्मा के प्रकरण में चिकित्सक हुए लामबंद।
लालसोट की डॉ. शर्मा के आत्महत्या करने के बाद प्रदेश भर के चिकित्सक लामबंद हो गए। चिकित्सकों ने प्रदेश भर में निजी हॉस्पिटलों के साथ लैब बंद करने और सरकारी चिकित्सालयो में भी कई जगहों पर काम नही करने का फैसला लिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए डॉ. शर्मा को पूर्ण न्याय दिलाने की बात कही। चिकित्सकों इस फैसले के बाद बुधवार को उदयपुर में 100 से अधिक निजि चिकित्सालयों के साथ जांचे करने वाली सभी लैब भी बंद रही। 24 घंटे तक बंद रखने के पूर्ण आह्वान के बाद भी अगर पुलिस की और से आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की जाती है तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अन्य संगठनों ने रणनिति तय कर अगला कदम उठाने की बात कही है।
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