दौसा ब्यूरो रिपोर्ट।
दौसा के लालसोट कस्बे मे महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या कर लेने के बाद रोज नये खुलासे सामने आ रहे है। वही पुलिस की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगने लगा है। दरअसल प्रसूता आशा बैरवा की मौत के मामले में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को दरकिनार किया। डॉक्टर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया। जबकि प्रसूता के पति लालूराम का कहना है कि उसने तो रिपोर्ट न लिखी और न पढ़ी।
वहीं मृतक चिकित्सक अर्चना शर्मा के पति डॉ सुनित उपाध्याय ने कहा कि राजनेता गुंडों को संरक्षण देना बंद करें जिससे चिकित्सक बिना किसी दबाव के मरीज का उपचार कर सकें। मृतक प्रसूता आशा के पति लालूराम ने कहा कि उसने डॉक्टर के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी। कुछ लोगों ने उनसे एक कागज पर हस्ताक्षर करवाए थे, उसमें क्या लिखा था, ये नहीं पढ़ा। मुकदमे की प्रति भी उसे नहीं मिली। इस शिकायत में धारा 302 का जिक्र था। जिसे पुलिस ने ज्यों का त्यों दर्ज कर लिया। मृतक प्रसूता के पति ने कहा कि मैं मजदूर हूं, शिकायत लिखना नहीं जानता, कुछ लोगों ने मुझसे साइन करवाए, मैं उन्हें नहीं जानता। मैं पत्नी को लालसोट के सरकारी अस्पताल में दिखाने गया था। उन्होंने दौसा भेजा। दौसा में डॉक्टर ने जयपुर भेजा। जयपुर में डॉक्टर ने कहा कि बच्चेदानी निकालनी पड़ेगी। पत्नी तैयार नहीं हुई। हमारी 3 बेटियां हैं। मैंने लालसोट में डॉ. अर्चना शर्मा को फोन किया। उन्होंने बताया कि बिना बच्चादानी निकाले ऑपरेशन हो जाएगा। मेरी दो जुड़वां बच्चियों का जन्म 2017 में ऑपरेशन से उनके हॉस्पिटल में ही हुआ था। मैंने पत्नी को लालसोट आनंद हॉस्पिटल में भर्ती करवा दिया। ऑपरेशन के बाद पत्नी की ब्लीडिंग बंद नहीं हुई, उसकी मौत हो गई। तभी भीड़ इकट्ठी हो गई। मैं उनमें से किसी को नहीं जानता। मैंने शिकायत नहीं दी। मैं मजदूर आदमी हूंं। शिकायत लिखना क्या जानूं। इस मामले में सुसाइड करने वाली डॉक्टर अर्चना शर्मा के पति डॉ. सुनीत उपाध्याय ने कहा कि सोमवार को डिलीवरी हुई थी। दो घंटे बाद मैसिव इटेटॉनिक पीपीएच हुआ। हम जूझते रहे, पर बचा न सके। परिजनों ने ये सब देखा तो हाथ जोड़ते हुए कहा- साब आपने तो पूरी कोशिश की थी बचाने की, हमारी तकदीर खराब थी। फिर हमने फ्री में एंबुलेंस से उन्हें घर भी भिजवाया। अंत्येष्टि की तैयारी चल रही थी। शिवशंकर उन्हें मुआवजा दिलाने की बात कहकर ले आया। 100-200 लोग शव लेकर पहुंचे। भाजपा जितेंद्र गोठवाल, हरकेश मटलाना को उसने बुलाया। शिवशंकर फिरौती, ब्लैकमेलिंग की कोशिश करता रहा है। डॉ. सुनीत हाथ जोड़कर फूट-फूट कर रोए। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति हुई है। उन्होंने शिवशंकर का जिक्र करते हुए कहा कि राजनेता ऐसे लोगों को संरक्षण देते हैं। इन्हें संरक्षण देना बंद करो। हर डॉक्टर मरीज को बचाने की कोशिश करता है। मेरी पत्नी तो चली गई लेकिन बाकी डॉक्टरों के साथ ऐसा न हो। आरोप है कि भाजपा नेता व पूर्व संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल ने मृतक प्रसूता के परिजनों को आंदोलन के लिए भड़काया। डॉक्टर सुसाइड प्रकरण में पुलिस ने भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जितेंद्र गोठवाल भाजपा के प्रदेश मंत्री और पूर्व संसदीय सचिव हैं। वही आत्महत्या मामले में यह भी सामने आया था कि प्रसूता के परिवार को जिन लोगों ने आंदोलन के लिए उकसाया, उनमें डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का नजदीकी भी शामिल था। लेकिन इस पर डॉ. किरोड़ी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं मौके पर गया ही नहीं, फिर भी किसी ने डॉक्टर को सुसाइड के लिए उकसाया है तो उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।
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