जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा मिशन-2023 में वापसी की तैयारियों में जुटी है। अब भाजपा ने आगामी 2 अप्रैल से पूर्वी राजस्थान सवाई माधोपुर से एसटी विशिष्ट जन समारोह अभियान की शुरुआत कर ने जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई में यह बड़ा समारोह सवाईमाधोपुर में आयोजित करने का फैसला किया है।  भाजपा के केंद्रीय स्तर पर इस रणनीति को बनाया गया है।दरअसल भाजपा वर्ष 2018 में हुए विधानसभा के चुनाव में पूर्वी राजस्थान में कमजोर स्थिति को फिर से मजबूत करने के लिए यह कार्यक्रम रखा गया है। पूर्वी राजस्थान के 7 जिले अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा में फैली 39 विधानसभाऔर 5 लोकसभा क्षेत्र दौसा, अलवर, करौली भरतपुर और टोंक-सवाई माधोपुर सीटों में भाजपा को लोकसभा की सभी पांचों और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में केवल 4 सीटें ही मिली थी। इस चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस को 25, बसपा को 5, निर्दलीयों को 4 और एक सीट आरएलडी पार्टी को सीटें मिली थी। जबकि इसके अलावा कांग्रेस को 7, डाॅ. किरोड़ीलाल मीणा की पार्टी एनपीपी को 3 और एक सीट बसपा को मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज 4 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को 25, बसपा को 5, निर्दलीयों को 4 और एक सीट आरएलडी को मिली। खास बात यह है कि सवाईमाधोपुर में 4 विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 4 सीटें जीती थी। जबकि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी । विधानसभा चुनाव में 3 सीटों पर कांग्रेस और एक सीट निर्दलीय  ने जीती थी। इस कठिन डगर की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा किसको देकर जाते हैं यह सबसे महत्वपूर्ण रहेगा। मंगलवार को ही जेपी नड्डा से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बातचीत की है अब मीणा बाहुल्य वाले क्षेत्र पर किसका भरोसा रहेगा। क्या पार्टी डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को क्षेत्र में सक्रिय करेगी या फिर किसी और को यह जिम्मेदारी देगी। पार्टी को यह चिंता सता रही है कि 39 विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का वर्चस्व कैसे गायब हो और आने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में भी पार्टी पांचों लोकसभा क्षेत्र दोसा, अलवर, करौली भरतपुर और टोंक-सवाई माधोपुर जीत सुनिश्चित करने के रणनीति पर काम चल रहा है। कहने को तो पार्टी के पास मौजूदा स्थिति में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के अलावा  केंद्रीय  जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय  संसदीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर शामिल है। इन नेताओं में से 2 अप्रैल के कार्यक्रम में हिस्सा लेगा अभी स्पष्ट नहीं है। पार्टी की कोशिश है कि वे एसटी के नेताओं को इस में अधिक से अधिक लाने का प्रयास करें।