जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान के कई जिलों में बिगड़ती कानून व्यवस्था और विपक्ष द्वारा सरकार को अपने हाशिये पर लेने के बाद माना जा रहा है कि गहलोत सरकार अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ब्यूरोक्रेसी का पोस्टमार्टम कर सकती है। साथ ही कई जिलों मे पुलिस कप्तान और जिला कलेक्टरों को भी बदला जा सकता है। दरअसल विधानसभा के बजट सत्र समाप्त होने के बाद अब एक बार फिर से नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी शीर्ष स्तर पर चल रही है।आईएएस-आईपीएस और आरएएस अधिकारियों की तबादला सूची को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विश्वस्त लोगों के साथ होमवर्क कर रहे हैं। अन्दरखाने चर्चा है कि जल्द ही तबादला सूची को अंतिम रूप देकर अप्रैल माह के पहले सप्ताह में तबादला सूची जारी कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि विधानसभा के बजट सत्र के चलते तबादला सूची को पेंडिंग छोड़ दिया गया था। इसके बाद अब फिर से नौकरशाही में बड़ी सर्जरी करने की तैयारी चल रही है। आपको बता दें कि आगामी साल राजस्थान में विधानसभा का चुनाव भी है ऐसे में गहलोत सरकार अपने मंत्री और नेताओं को बिल्कुल भी नाराज नहीं करना चाहती है। जानकर सुत्रो की माने तो गहलोत सरकार की ओर से बोर्ड-निगमों और आयोगों में एडजस्ट किए गए नेताओं ने भी कामकाज का तालमेल बनाने के लिए अपनी पसंद के अफसर लगाने की डिमांड मुख्यमंत्री से की थी। जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बोर्ड-निगम और आयोगों के अध्यक्षों से आईएएस-आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम मांगे थे।
बड़े स्तर पर होंगे तबादले।
विश्वस्तों का कहना है कि मुख्यमंत्री स्तर पर 40 से ज्यादा आईएएस और 25 से ज्यादा आईपीएस अफसरों के साथ-साथ 50 से ज्यादा आरएएस अफसरों के तबादले सूची पर मंथन हो रहा है। जल्द ही यह तबादला सूची जारी होने की बात कही जा रही है। उधर नौकरशाही के गलियारों में चर्चा है कि गहलोत सरकार के कई मंत्रियों का भी अपने विभागों के अफसरों के साथ तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अफसरों की कार्यशैली को लेकर शिकायत की है।
बीते दिन मुख्यमंत्री कर चुके हैं पुलिस अधीक्षको के कामकाज का आंकलन।
इधर कानून व्यवस्था को लेकर 2 दिन चली समीक्षा बैठक के दौरान भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिलेवार पुलिस अधीक्षकों के कामकाज का आंकलन कर चुके हैं। माना जा रहा है कि कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी बदलने की तैयारी है।
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