जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पिंकसिटी के ऐतिहासिक आंगन अल्बर्ट हॉल में बुधवार शाम एक ऐसा शामियाना सजा, जिसमें राजस्थान की बहुरंगी संस्कृति, शौर्य और भावों का एक साथ मिलन हो उठा। राजस्थान के सिरमौर कालबेलिया नृत्य से लेकर रंग-रंगीले सुरों में सजे लंगा-मांगणियार की गायकी और बॉलीवुड के तरानों ने दर्शकों का दिल जीता। एक से बढ़कर एक अद्भुत और अविस्मरणीय प्रस्तुतियों में संस्कृति की जीवंतता उत्सव की एक माला बनकर मंच पर उतरी। सुर, लय और ताल के भव्य आयोजन में उल्लास भरा रहा।कलाकारों की प्रस्तुतियों के साथ लाइट्स के फ्यूजन में शौर्य, साहस के साथ कई भाव नजर आयें। हर प्रस्तुति के जरिए राजस्थान के पर्यटन की झलक भी दिखाई दी। यह मौका रहा, राजस्थान के 73वें स्थापना दिवस पर पर्यटन विभाग की ओर से अल्बर्ट हॉल पर आयोजित राजस्थान उत्सव-2022 का। करीब ढ़ाई घंटे की प्रस्तुतियों में राजस्थानी गीत संगीत की झंकार ने बहुरंगी संस्कृति की छटा बिखेरी। फिजा में घुली थिरकन से दर्शकों के चेहरे खिल उठे। जैसलमेर से पद्मश्री अनवर खां और लंगा मांगणियार ने माटी के संगीत को पेश करते हुए राजस्थान की लोक खुशबू को बिखेरा। उन्होंने ‘केसरिया बालम आओ सा पधारो म्हारो देस‘, ‘धरती धोरा री‘ गीत सुनाये।
शौर्य, भक्ति, संस्कृति और केसरिया बालम।
समारोह की शुरूआत प्रसिद्ध कोरियोग्राफर मैत्रीय पहाड़ी समूह के साथ हुई। मंच पर एक साथ 550 से अधिक कलाकारों ने सांस्कृतिक कला और विरासत को पेश किया। विराट काठ की पुतलियों, विशाल बहुरंगी पगड़ी के साथ सामूहिक नृत्य ने समां बांधा। साथ ही चंग-ढप की थाप पर आत्म रक्षा जैसे नृत्य मीराबाई के समर्पण ‘मोहन आओ तो सही, गिरधर आओ तो सही, फागण में मंदिर में मीरा अकेली खड़ी‘ और सूफी कलाम ने भी मंच पर उतरकर दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। वहीं, सिर पर चरी लिए ‘म्हारो केसरियो हजारी घुड़लियो फूल‘, ‘ मोरिया आछो बोलो री ढलती रात में‘ ने भी जमकर तालियां बटोरी। करीब 35 मिनट की इस प्रस्तुति के अंत में मंच पर एक साथ सभी कलाकारों ने हाथ जोड़े ‘केसरिया बालम आओनी पधारो म्हरो देश‘ का गीत गाते हुए दर्शको का अभिनंदन किया।
हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसता है ‘संदेंशे आते है'।
समारोह में बॉलीवुड गायक रूपकुमार और सोनाली राठौड़ ने फिल्म वीर जारा के गीत ‘तेरे लिए हम है जिये‘ से अपनी प्रस्तुति का आगाज करते हुए दर्शकों में जोश भर दिया। इसके बाद ‘मौला मेरे मौला, आंखे तेरी‘ को जमकर तालियां मिली। इसके बाद ‘जिंदगी मौत ना बन जाए, संभालो यारो‘ और फिर राग यमन पर आधारित कव्वाली ‘निगाहें मिलाने को जी चाहता है‘ को पेश किया। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, शिक्षा एवं कला-संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, पूर्व मंत्री एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़, पर्यटन निदेशक निशांत जैन सहित के गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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