जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से रविवार को दिल्ली में मुलाकात की। मुलाकात के कई मायने लगाए जा रहे हैं। लेकिन इस समय सबसे ज्यादा चर्चा राजस्थान सरकार की ओर से बजट में की गई घोषणाओं की हो रही है। इस मुलाकात को पांच राज्यों के चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी के साथ हुई मुलाकात के बाद प्रदेश में बची हुई राजनीतिक नियुक्तियों और कैबिनेट की संभावित एक्सटेंशन पार्ट 2 को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सोनिया गांधी की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जिन नेताओं के नाम अभी राजनीतिक नियुक्तियों में शामिल नहीं हो सके और बाकी बची राजनीतिक नियुक्तियां कब करनी है इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सोनिया गांधी के बीच चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही स्टार प्रचारक होने के बावजूद केवल पंजाब में 1 दिन चुनाव प्रचार करने के लिए गए हो, लेकिन उनके ओल्ड स्कीम पेंशन और मनरेगा की तर्ज में शहरी आबादी को भी 100 दिन का रोजगार दिए जाने का निर्णय पूरे देश की कांग्रेस में एक उत्साह भरा है। कांग्रेस पार्टी गहलोत के निर्णय को पूरे देश में भुनाने के प्रयास में है। यही कारण है कि इन दोनों योजनाओं को केंद्र और देश के सभी राज्यों में लागू करने की मांग कांग्रेस पार्टी की ओर से की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्य में भी अब यह घोषणा जल्द हो लागू होती दिखाई देगी। तो वहीं इस दौरे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को छत्तीसगढ़ के साथ चल रहे कोयला विवाद के संदर्भ में भी अपनी बात रखी है।
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