जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 15वें संस्करण का आयोजन जयपुर में ही 5-14 मार्च 2022 को किया जायेगा। आइकोनिक फेस्टिवल की प्रोडूसर, टीमवर्क आर्ट्स हर साल नई पहल के माध्यम से दुनियाभर की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करती है। इस साल भी, फेस्टिवल में कला और संस्कृति से जुड़े अनेक सत्रों को सूचीबद्ध किया गया है। भरतनाट्यम की दिग्गज सोहिनी रॉयचौधरी और विविध भारतीय शास्त्रीय नृत्यों, ओडिसी, मणिपुरी, मयुरभंज व सेरिकेल्ला छाउ की प्रसिद्ध नृत्यांगना शेरॉन लोवेन का साथ देंगी जानी-मानी संगीत और नृत्य आलोचक मंजरी सिन्हा, सत्र में श्रृंगार पर चर्चा करते हुए ये उसके विविध पहलुओं पर प्रकाश डालेंगी। भारतीय नृत्य के नौ रसों में ‘श्रृंगार’ को अहम् माना गया है। थिएटर की जानदार हस्ती डॉली ठाकोर की आत्मकथा, रेग्रेट्स, नन सारे बंधनों को तोड़ते हुए, बड़ी बेबाकी से उनके जीवन को बयां करती है। बीस साल का थियेटर का अनुभव संजोए इस किताब में हास्य, व्यंग्य, ग्लैमर की चकाचौंध के साथ ही डॉली के जीवन के रोचक किस्से हैं। इसकी सह-लेखक हैं अर्घ्या लाहिरी। फेमिनिस्ट, प्रकाशक और लेखिका रितु मेनन ने हरदिल अजीज़ ज़ोहरा सहगल की जीवनी को बड़े प्यार से लिखा है। ज़ोहरा ने 90 सालों तक अपने जीवन को भरपूर जिया। मेनन ने लिखा है कि किस कद्र डांसर उदय शंकर और एक्टर पृथ्वीराज कपूर की रचनात्मकता ने ज़ोहरा को प्रभावित किया। टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, संजॉय के. रॉय के साथ चर्चा करते हुए ठाकोर, मेनन और लाहिरी थिएटर के सार, उसके जादू को सामने लाने की कोशिश करेंगी। एक अन्य सत्र में रॉय सबके पसंदीदा भारतीय गायक और संगीतकार रेमो फर्नांडिस से भी म्यूजिक, आर्ट, राइटिंग और उनके गृहराज्य, गोवा के बारे में बात करेंगे।हमारे समय के एक महत्वपूर्ण कला इतिहासकार, बी.एन. गोस्वामी कला के विविध और विस्तृत पहलुओं पर बात करेंगे। आनंद कुमारस्वामी से लेकर कैलीग्राफी तक, ख़ामोशी के अर्थ से लेकर फरीद-उद-दिन अतर की महान सूफी रचनाओं तक, गोस्वामी अपने पाठक को कला की गहराइयों में ले जाते हैं। एक दिलचस्प सत्र में, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के को-डायरेक्टर विलियम डेलरिम्पल के साथ चर्चा में गोस्वामी अपनी किताब कन्वर्सेशन के माध्यम से इंडिया और साउथ एशिया की कला पर प्रकाश डालेंगे। एक अन्य सत्र मुग़ल पोर्ट्रेचर: प्रेजेंस एंड एब्सेंस में कला इतिहासकार अर्सला वीकस लेखिका और इतिहासकार यशस्वनी चंद्रा के साथ संवाद करेंगी। वीकस की आने वाली किताब मुग़ल कोर्ट पेंटिंग इन इंडिया में मुग़ल कला और संस्कृति अध्यापन का उनका एक दशक से अधिक समय का अनुभव है। फेस्टिवल के एक सत्र में मानव शरीर की कामुक आकांक्षा और मूलभूत आवश्यकता पर बात होगी। लेखक, कमेंटेटर और वैस्कुलर सर्जन अम्बरीश सात्विक मानव प्रजाति के सन्दर्भ में नग्नता और उघड़े बदन के बीच के फर्क पर बात करेंगे। प्रसिद्ध लेखिका, क्यूरेटर और इतिहासकार अलका पांडे अपने काम के माध्यम से कामुकता का वर्णन करेंगी। आपकी हालिया प्रकाशित किताब pha(bu)llus धर्म, संस्कृति और कला के माध्यम से लैंगिक प्रतीकों की बात करती है। आपसी संवाद में ये दोनों लेखक दार्शनिकता से लेकर अध्यात्म तक में कामुकता के मायने तलाशेंगे। लेखक, पटकथाकार और कार्यकर्त्ता फार्रुख ढोंडी अपने निजी और व्यवसायिक जीवन से कई शानदार अनुभवों को बयां करेंगे। इनके जीवन में स्वतंत्रतापूर्व भारत, विभाजन और कई सामाजिक आंदोलनों से लेकर कातिल सेलिब्रिटीज से मुलाकात तक कई रोचक किस्सों का समावेश है। जीवन किसी थ्रिलर फिल्म की कहानी से कम नहीं रहा। फिल्म और थिएटर डायरेक्टर अर्घ्या लाहिरी के साथ संवाद में ढोंडी लेखक के तौर पर अपने जीवन को साझा करेंगे।फेस्टिवल में शानदार हेरिटेज इवेंट के साथ ही जयपुर म्यूजिक स्टेज का आयोजन भी होगा। हर साल की तरह सालाना ओजस आर्ट अवार्ड की घोषणा भी की जाएगी।
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