जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार फरवरी में अपना बजट पेश करने जा रही है। इस बजट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी वर्गो से सुझाव ले रहे हैं। सुझाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि इस बार पेश होने वाला बजट भी अन्य वर्षो की तरह सभी वर्गों की तरक्की से जुड़ा हुआ होगा। सीएम गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक ली। बैठक में समिति के सदस्यों ने प्रदेश के आगामी बजट को लेकर सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने इन सुझावों को गंभीरता से सुना और कहा कि उचित परीक्षण के बाद उपयुक्त सुझावों को बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा। गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष राज्य सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं। समाज के सभी वर्गों के सहयोग से हमारी सरकार ने इस विषम परिस्थिति में भी बेहतरीन वित्तीय प्रबंधन कर विकास कार्यों को गति दी है। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जरूरतमंदों को भरपूर सामाजिक सुरक्षा मिले और विकास में कहीं कमी ना आए। सीएम गहलोत ने कहा कि आने वाले बजट में हमारा पुरजोर प्रयास होगा कि कोरोना के कारण समस्याओं का सामना कर रहे उद्योग-व्यवसाय गति पकड़ें। साथ ही हर वर्ग को तरक्की के लिए नए अवसर मिलें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड जनित परिस्थितियों के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई है। आर्थिक गतिविधियों पर भी विपरीत असर पड़ा है। ऐसे में हमारा प्रयास होगा कि इस मुश्किल दौर में जरूरतमंद तबके को संबल मिले। रोजगार के अवसर बढ़े। साथ ही अर्थव्यवस्था पुनः पटरी पर लौटे। इसके लिए राज्य सरकार आने वाले बजट में सभी संभव प्रावधान करेगी। गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में एमनेस्टी स्कीम लागू की थी। इस स्कीम से ब्याज और पेनल्टी में शत-प्रतिशत तक छूट प्रदान कर कोविड-19 से प्रभावित कारोबारियों को भरपूर राहत दी गई है। उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अपने सुझावों में राजस्व अर्जन संबंधी उपाय भी शामिल करें। जिससे राज्य सरकार को अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में सुगमता हो सके।
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