जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ईमानदार एवं संजीदा प्रशासनिक अधिकारी का जनता भी साथ देती है। हर अधिकारी के सेवाकाल में कुछ मुश्किल और चुनौती भरे क्षण भी आते हैं, लेकिन अधिकारी कार्यकुशल, ईमानदार एवं संवेदनशील है तो सफलतापूर्वक इनका सामना कर पाता है और समाज में उसे भरपूर मान-सम्मान मिलता है। नए अधिकारी सादगी के साथ आवश्यकताओं को सीमित रखते हुए संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन के संकल्प को साकार करें। जब भी कलम चलाएं तो आपकी दृष्टि में समाज के निर्धनतम और अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति का हित सर्वोपरि होना चाहिए। गहलोत हरीशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में राजस्थान राज्य सेवाओं के वर्ष 2021 बैच के आधारभूत प्रशिक्षण शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इन सब नवचयनित अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे सकारात्मक सोच के साथ अपनी भावी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। लम्बे करियर में उन्हें कई बार आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बदले की भावना रखे बिना संयमित व्यवहार एवं शालीनता के साथ आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार तकनीकी खामियों या न्यायालयों में वाद दायर होने के कारण भर्तियों को पूरा करने में समय लग जाता है, लेकिन राज्य सरकार इन सब अड़चनों को दूर कर भर्ती एवं नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध बनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है।
न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में प्रभावी पैरवी कर युवाओं को शीघ्र नियुक्तियां दी गई है। इसी का परिणाम है कि तीन साल में करीब एक लाख नियुक्तियां दी गई हैं और इतने ही पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। गहलोत ने कहा कि भर्तियों एवं नियुक्तियों को लेकर युवाओं द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से किए जाने वाले धरने-प्रदर्शन आदि को हमारी सरकार सकारात्मक रूप से लेती है। मेरा मानना है कि लोकतंत्र में अपनी उचित मांगों को लेकर शांतिपूर्वक किया जाने वाला विरोध प्रदर्शन अनुचित नहीं है। वाजिब मांगों को लेकर राज्य सरकार का नजरिया सदैव सकारात्मक रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अच्छा अधिकारी वह है, जो जात-पांत, धर्म, क्षेत्रीयता से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का पालन करे। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवनी को अवश्य पढ़ें। इससे मिलने वाली सीख हमेशा आपका मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को महात्मा गांधीजी की आत्मकथा की प्रति और गांधी डायरी उपलब्ध कराएं। गहलोत ने देश के महान नेता एवं प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने देश के विकास की नींव रखी और आईआईटी, आईआईएम, इसरो, आईसीएसआर, एम्स जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की स्थापना की। उन्होंने कहा कि लोकसेवकों के बेहतर प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार हरीशचन्द्र माथुर लोक प्रशिक्षण संस्थान को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बना रही है। विगत दिनों राज्य सरकार ने यहां नए ऑडिटोरियम के लिए 25 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी थी। उन्होंने इसका कार्य जल्द प्रारम्भ करवाने के निर्देश दिए। साथ ही, पुराने हाॅस्टल को अपग्रेड करने के लिए 10 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राज्य सेवाओं में प्रविष्ट हो रहे सभी अधिकारियों से कहा कि इस समय आपका व्यक्तित्व एक खुली किताब की तरह है। यहां जो सीख मिलेगी वह पूरे सेवाकाल में साथ चलेगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी के रूप में हम सभी को समाज में हो रहे बदलावों और सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप निर्णय करने होते हैं और आप सभी को सामाजिक व्यवस्थाओं का निरंतर विश्लेषण करना चाहिए।
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