जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर को आयोजित केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो और कांग्रेस की 12 दिसंबर को होने वाली महंगाई हटाओ रैली को चुनौती देने वाली पीआईएल शुक्रवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि यह मामला जनहित का नहीं है और केवल अखबारों में छपी खबरों के आधार पर याचिका दायर की गई है। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी की पीआईएल को खारिज करते हुए दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी से पूछा कि रोड शो व रैली से काैनसे कानून का उल्लंघन होगा, आपको कैसे पता कि रैली में दो लाख और रोड शो में चालीस हजार लोग आएंगे,आपका स्रोत क्या है। क्या किसी कानून में रैली का आयोजन करना गलत है। जिस पर प्रार्थी ने कहा कि रोड शो व रैली के आयोजन से कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन होगा। वहीं राजनीतिक पार्टियों ने रोड शो व रैली आयोजन के लिए प्रेसनोट जारी किए हैं। अदालत चाहे तो इस मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान भी ले सकती है। जिस पर अदालत ने कहा कि स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेना अलग मामला है और रैली निकालने में कौनसी गाइडलाइन का उल्लंघन है। वहीं अदालत ने मामले को जनहित का नहीं होने के आधार पर पीआईएल खारिज कर दी।

यह कहा था पीआईएल में।
अधिवक्ता राकेश चंदेल ने बताया कि पीआईए में कहा था कि देश सहित राजस्थान राज्य में कोरोना की दूसरी लहर से लाखों लोगों की मौतें हुई हैं। कोरोना की तीसरी लहर अन्य देशों में फैल रही है और राज्य सरकार ने भी 26 नवंबर 2021 को गाइडलाइन जारी कर कहा है कि पिछले दिनों में कोविड केसों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में वैक्सीनेशन, मास्क, सोश्यल डिस्टेंसिंग व प्रोपर वेंटिलेशन जरुरी है। कोविड केसों में बढ़ोतरी के चलते प्रार्थी को अखबारों में छपी खबरों से पता चला है कि केन्द्रीय गृह मंत्री 5 दिसंबर को जयपुर में नौ किमी लंबा रोड शो करेंगे और सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया में 40 हजार लोग जुटेंगे। वहीं एयरपोर्ट पर भी 5 हजार लोग इकट्‌ठा होंगे। इसी तरह कांग्रेस भी 12 दिसंबर को रैली आयोजित कर रही है जिसमें दो लाख इकट्‌ठा होंगे। पीआईएल में कहा कि कोविड मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है और ऐसे में रोड शो व रैली का आयोजन स्थानीय लोगों में कोरोना को फैलाएगा। इसके अलावा कोरोना का नया वेरीयंट ओमीक्रोन भी फैल रहा है। इसलिए अदालत रोड शो व रैली के आयोजन पर रोक लगाए।