कोटा से हंसपाल यादव।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के रूप में यह आपका कर्तव्य है कि अपराधी कानून के हाथों से बचे नहीं और निर्दोष को सजा नहीं मिले। यह बात लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन में चल रहे प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों के एप्रिशिएशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। संसद की संस्था प्राइड की ओर से आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों से कहा कि लंबे कॅरियर के दौरान आपको अनेक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से गुजरना होगा। इस दौरान सुनिश्चित करें कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे।
 उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारी के रूप में मानव जीवन व गरिमा तथा मानवाधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी आपकी है। कानून व्यवस्था जितनी बेहतर होगी, शासन उतना ही अच्छा कार्य कर पाएगा। अधिकारी के तौर पर वे शासन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य करने जा रहे हैं, ऐसे में वे अपना इसकी सफलता के लिए लगन व समर्पण से कार्य करें। स्पीकर बिरला ने कहा कि एक अधिकारी पूरे सिस्टम की छवि बदल सकता है। ऐसे में अधिकारी को न सिर्फ न्यायप्रिय होना चाहिए बल्कि उसका जनता और जनप्रतिनिधियों से निरंतर संवाद भी होना चाहिए। समाज का अधिकारी पर जितना अधिक विश्वास होगा, अधिकारी उतना ही अधिक सफल और लोकप्रिय भी होगा।
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को सुझाव दिया कि अपराधों के नियंत्रण तथा अपराधियों तक पहुंचने में वे सूचना प्रौद्योगिकी तथा तकनीक को अपना सहभागी बनाएं। आपको सिर्फ आपके जिले तक सीमित नहीं रहना है बल्कि पुलिसिंग के क्षेत्र में देश और प्रदेश में किए जा सकने वाले बदलावों को भी आगे बढ़ाना है। इससे पूर्व लोक सभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण दिया और लोक सभा सचिवालय में अपर सचिव, प्रसन्नजीत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया । 
अपने प्रशिक्षण के भाग के रूप में ये अधिकारी इस समय संसदीय लोकतन्त्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा आयोजित  संसदीय पद्धतियों और प्रक्रियाओं से संबंधित दो दिवसीय परिबोधन कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं । प्रशिक्षणार्थी अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा के 73वें रेगुलर बैच के अधिकारी हैं । कुल 133 अधिकारी उद्घाटन सत्र मे शामिल हुए।