श्रीगंगानगर से राकेश मितवा। 

पंचायती राज के चुनाव के आज नामांकन के अंतिम दिन जिला परिषद में काफी राजनीतिक गरमाहट बनी रही।  जिला परिषद की कथित और पंचायत समितियों की सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं वही भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पाला बदलने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है 


सबसे चौंकाने वाला निर्णय आज रहा जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र पारीक ने भाजपा द्वारा जिला परिषद की टिकट नहीं दिए जाने के चलते भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया । हालांकि सुरेंद्र पारीक ने कुछ नया नहीं किया है।  विगत कई चुनावों में वे अपनी सुविधा अनुसार भाजपा कांग्रेश ओर निर्दलीय खेमे में आते जाते रहे हैं । इसलिए भाजपा का यह मानना है कि सुरेंद्र पारीक के कांग्रेस में जाने से भाजपा को कोई खास असर पड़ने वाला नहीं है। वही कांग्रेस पार्टी इसे लेकर काफी उत्साह ही है।

 विधायक  राजकुमार गौड़ के निवास पर भाजपा के वरिष्ठ नेता  सुरेंद्र पारीक को करणपुर विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर, विधायक  राजकुमार गौड़, पूर्व सांसद  शंकर पन्नू, प्रभारी संजय जोशी, श्रीमती मनिंदर कौर नंदा, अजय चड्ढा,  जेपी श्रीवास्तव,  प्रेम नायक,  श्याम लाल शेखवती ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवाई । सुरेंद्र पारीक की पत्नी श्रीमती रीटा पारीक जिला परिषद के जोन संख्या 26 से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ेगी ।

सुरेंद्र पारीक ने दिवंगत महेश बुडानिया को टिकट नहीं मिली तो BJP छोड़ कर निर्दलीय हो गये । 2018 के विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले कांग्रेस में शामिल हो गये फिर राज कुमार गोड़ को टिकट नहीं मिली तो कांग्रेस छोड़ कर गोड़ के पक्ष में निर्दलीय खड़ा हो गये, फिर 2019 में लोक सभा चुनाव में मोदी के प्रचंड बहुमत के बाद फिर BJP में आ गए। लगता है अब  किसान आंदोलन के प्रभाव को देखते हुए और राजस्थान में कांग्रेस सरकार को देखते हुए फिर कांग्रेस में शामिल हो गये।