चित्तौड़गढ़ गोपाल चतुर्वेदी।
जहाँ केंद्र और राज्य सरकार आमजन के साथ श्रमिकों की आय बढ़ाने के लिए नए संसाधन उपलब्ध करवा रही है जिससे कि कुशल और अकुशल मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। वही चित्तौड़गढ़ मे नगर परिषद के उद्यान ठेकेदार राजेश शर्मा द्वारा उद्यानों में कार्यरत मजदूरों के शोषण करने का मामला सामने आया है।जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ के शहरी क्षेत्र में  नगर परिषद में की ओर से कुल 72 उद्यानों के रखरखाव के लिए 06 जोन में विभाजित किया हुआ है l जिनके रखरखाव का ठेका नगर परिषद ने ठेकेदार राजेश शर्मा को ₹7.80 प्रति वर्ग मीटर कि दर से दिया हुआ है l ठेकेदार राजेश शर्मा की ओर से उद्यानों के रखरखाव के लिए उद्यानों में मजदूरों को लगा हुआ है l जिसमें ठेकेदार की ओर से इन मजदूरों को प्रतिदिन सिर्फ 100 रुपए के हिसाब से भुगतान कर उनका शोषण किया जा रहा है। जो कि सरकार की ओर से तय की गई न्यूनतम वेतन 254 रुपये से बहुत कम है l उद्यानों में कार्यरत कई मजदूरों ने कैमरे के सामने बताया कि वह इन उद्यानों में 100 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से काम कर रहे हैं l और इसके अलावा चार अवकाश का भी भुगतान ठेकेदार द्वारा काटा जा रहा है l इसके अलावा कार्यरत मजदूरों ने बताया कि तय समय से देरी से आने के बाद ठेकेदार द्वारा उन्हें वापस घर भेज दिया जाता है l जिसके कारण उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है l वही इसके बारे में श्रम विभाग के अधिकारी संकेत मोदी ने बताया कि सरकार की ओर से न्यूनतम मजदूरी 252 रूपये प्रतिदिन भी तय की हुई है l इससे कम मजदूरी देना मजदूरों के शोषण करने की श्रेणी में आकर अपराध की श्रेणी में आता है
अगर उन्हें कोई शिकायत प्राप्त होती है तो इस पर कार्यवाही अवश्य होगी। इस बारे में नगर परिषद के सम्बंधित अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो अधिकारी इस मामले में कुछ भी जानकारी देने को तैयार नहीं हुए। जानकारी में सामने आया है कि विगत कई वर्षों से उद्यान के रखरखाव का ठेका एक ही ठेकेदार राजेश शर्मा को दिया हुआ है जिसे की नगर परिषद की ओर से एक बड़ी राशि रखरखाव के नाम पर दी जा रही है और उसी ठेकेदार द्वारा उद्यान में कार्यरत मजदूरों का शोषण करना कोई नई बात नहीं है। इस तरह के मामले पहले भी नगर परिषद के अधिकारियों के कानो तक पहुंच चुके हैं। लेकिन अधिकारियों की ओर से  ठेकेदार पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और लगातार उसी ठेकेदार को उद्यान रखरखाव का ठेका निरंतर दिया जा रहा है। ऐसे में ठेकेदार द्वारा उद्यानों में कार्यरत मजदूरों का शोषण निरंतर ठेकेदार द्वारा किया जाने की बात सामने आने के बाद भी आखिर ऐसे क्या कारण है कि नगर परिषद की ओर से एक ही ठेकेदार पर मेहरबानी की जा रही है ?  यह सवाल निरंतर आमजन में चर्चा का विषय बना हुआ है।