उदयपुर से भगवान प्रजापत।
राजस्थान प्रदेश में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमित हो चुके उदयपुर शहर के लक्ष्मीनारायण नगर में रहने वाले 73 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई है। शुक्रवार सुबह उनका निधन हुआ। उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। ये ओमिक्रॉन संक्रमित पाए गए थे। प्रदेश में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद हुई यह पहली मौत हुई हैं। इनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी। 21 दिसम्बर को ये निगेटिव और 22 दिसम्बर को डबल निगेटिव हो गए थे। मगर उसके 8 दिन बाद अब उनका निधन हो गया। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि मौत पोस्ट कोविड निमोनिया की वजह से हुई है। इन्हें डायबिटीज और हायरपटेंशन भी था। साथ ही ये हाइपोथॉयरोडिज्म के भी शिकार थे। 25 दिसम्बर को इनकी रिपोर्ट ओमिक्रॉन पॉजिटिव आई थी। सीएमएचओ सहित एक्सपर्टस का कहना है कि एक सप्ताह पहले ही रोगी निगेटिव हुआ था फिर भी शरीर पर वायरस का असर कुछ समय तक रहता हैं। अगर डायबिटीज जैसी बीमारी हो तो रिस्क काफी बढ़ जाती हैं।
ओमिक्रॉन के अब तक 4 मामले आ चुके हैं सामने।
लेकसिटी में ओमिक्रॉन के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं। 27 दिसम्बर को ओमिक्रॉन का नया केस सामने आया था। इससे पहले 25 दिसम्बर को तीन मामले उदयपुर में सामने आए थे। इसमें पति, पत्नी और एक 68 वर्षीय महिला ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाई गई थी। जबकि 73 वर्षीय बुजुर्ग ओमिक्रॉन पॉजिटिव आने वाले चौथे व्यक्ति थे। वहीं, राजस्थान में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के अब तक 69 मरीज मिल चुके हैं। ओमिक्रॉन संक्रमितों के मामले मे राजस्थान देश में चौथे नंबर पर है। एमबी अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉ. आरएल सुमन ने बताया कि इनका ईलाज हमारे ही अस्पताल में चला था। 15 दिसम्बर को ये एडमिट हुए थे। पहले से इन्हें डायबिटीज, हाइपरटेंशन और हाइपोथॉइरॉडिज्म था। जिसके चलते हाई-रिस्क पर थे। इन्हें वही लक्षण थे जो आमतौर पर कोरोना संक्रमित रोगियों को होते हैं। डॉ. सुमन बताते हैं कि ऐसे रोगियों को पहले से काफी रिस्क् होता है। उसपर अगर कोविड हो जाए तो खतरा बढ़ जाता है। मृतक एमबी अस्पताल में ही कम्पाउंडर रहे थे।
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