जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि जनवरी 2022 में होने वाले ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ निवेश सम्मेलन के लिए जिला स्तर पर टीम बनाएं और तैयारियों की मॉनिटरिंग रखें। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का लक्ष्य अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित कर प्रदेश में नई विकास परियोजनाएं शुरू करने का है। राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब जिला स्तर तक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा तथा सम्मेलन के दौरान ही विकास परियोजनाओं के शिलान्यास तथा उद्घाटन किये जाएंगे। आर्य वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला कलक्टरों तथा सम्बंधित विभागीय अधिकारियों के साथ ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ की तैयारियों, पर्यावरण विभाग से संबंधित मुद्दों,महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों तथा टेलिकॉम कम्पनियों के राइट ऑफ वे के मुद्दों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनवरी माह में होने वाला यह निवेश सम्मेलन राज्य सरकार के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रदेश के विकास में इनवेस्ट राजस्थान एक मील का पत्थर साबित हो। सम्मेलन को व्यापक और प्रभावी बनाने की दृष्टि से ही इसे जिला स्तर तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने जिला कलक्टरों से कहा कि सम्मेलन की सफलता में सबसे अहम भूमिका जिला कलक्टरों की रहेगी। मुख्य सचिव ने सभी जिला कलक्टर को निर्देश दिये कि वे आगामी दिनों में जिले से संबंधित अप्रवासी राजस्थानियों की सूची बनाएं और सम्मेलन के प्रचार- प्रसार पर फोकस करें, ताकि अधिकाधिक निवेशक इन योजनाओं का लाभ उठाकर राजस्थान में निवेश के लिए उत्सुक हों। साथ ही प्रत्येक जिले में रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने, भूमि आवंटन तथा भू-उपयोग परिवर्तन सहित अन्य स्थानीय स्वीकृतियों के लिए तत्परता के साथ काम करें। उद्योग विभाग के शासन सचिव आशुतोष पेडणेकर ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से निवेश सम्मेलन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निवेश के लिए मोटे तौर पर 10 क्षेत्र, कृषि तथा कृषि प्रसंस्करण, ऑटो एण्ड ऑटो कॉम्पोनेन्ट्स, ईवी, कैमिकल, एण्ड पैट्रोकैमिकल, ईएसडीएम, आईटी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, माइन, मिनरल्स तथा सिरेमिक्स, नवीकरणीय उर्जा, टैक्सटाइल तथा पर्यटन तय किये गए हैं। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 3 हजार से अधिक सम्भावित निवेशक उपस्थित रहेंगे तथा 5 हजार से अधिक ऑनलाइन शामिल होंगे।
जिलों में बायोस्फियर रिजर्व करें चिह्नित।
मुख्य सचिव ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि वे रामसर सूचि में शामिल करवाने की दृष्टि से अपने- अपने जिलों में निर्धारित नियमों के तहत नए वैटलैण्ड को चिह्नित करें। उन्होंने जिलों में बायो स्फियर रिजर्व भी चिह्नित करने के निर्देश दिये। श्री आर्य ने सभी जिलों द्वारा बनाई गई जिला पर्य़ावरण योजना पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि सभी कलक्टर इन योजनाओं को तत्काल अमल में लाकर कार्य प्रारम्भ करें। उन्होंने राज्य के विभिन्न शहरों में प्रदूषण के स्तर के बारे में जानकारी ली तथा भिवाड़ी में बढ़ते हुए औद्योगिक प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिलों में एनजीटी से संबंधित विभिन्न मुद्दों के संबंध में जानकारी दी।
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रहे।
मुख्य सचिव ने कहा कि महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना है। पहली बार इन स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं। उन्होंने जिला कलक्टरों से इन स्कूलों के लिए अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की आवश्यकता पूरी करने के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दीर्घकालिक सोच के साथ इन स्कूलों के संचालन का निर्णय लिया गया है, जो राज्य में शिक्षा के परिदृश्य के बदल देगा। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर इन स्कूलों के सफल संचालन के लिए अतिरिक्त संवेदनशीलता के साथ काम करें।
टेलिकॉम कम्पनियों के राइट ऑफ वे के लम्बित प्रकरणों का शीघ्र हो समाधान।
आर्य ने जिला कलक्टरों को कहा कि टेलिकॉम कम्पनियों को राइट ऑफ वे के तहत स्वीकृति के लिए केवल ऑनलाइन ही आवेदन करने के लिए कहें। उन्होंने निर्देश दिये कि राजस्व, स्वायत्त शासन तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग से समन्वय कर स्वीकृति से संबंधित सभी मामले यथाशीघ्र निपटाने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने जिला स्तरीय टेलिकॉम कमेटी की बैठकें भी समयबद्धता से किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग आयुक्त संदेश नायक ने जिलों में टेलिकॉम कम्पनियों से संबंधित लम्बित मामलों के बारे में मुख्य सचिव को जानकारी दी।
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