जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने राज्य सरकार के समस्त विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनवरी 2022 में होने वाले ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ निवेश सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पूर्व तैयारी करें। इस सम्मेलन के दौरान प्रदेशभर में अधिक से अधिक संख्या में नई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रख कर कार्य प्रारम्भ किए जाने की योजना है, ताकि निवेश के प्रस्ताव केवल कागजी ना रहकर सही मायने में धरातल पर उतर सकें। आर्य शासन सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सम्बधित विभागीय अधिकारियों के साथ ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ की तैयारियाेंं के विषय में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह निवेश सम्मेलन राज्य सरकार की प्रथम प्राथमिकता है और सभी सचिव इसके लिए तत्परता से काम करें। साथ ही, अपने अधीनस्थ अधिकारियों को प्रोत्साहित कर निवेशकों की ओर से मिल रहे प्रस्तावों पर त्वरित और सकारात्मक कार्यवाही कर उन्हें वास्तविक निवेश परियोजनाओं में तब्दील करवाएं। उन्होंने कहा कि यह निवेश सम्मेलन कई मायनों में पूर्व में हुए ऎसे आयोजनों से अलग है, क्योंकि इसमें सम्मेलन के दौरान समझौता-पत्र (एमओयू) हस्ताक्षर करने से अधिक फोकस स्वीकृत प्रस्तावों के अनुरूप प्रोजेक्ट का शिलान्यास अथवा उद्घाटन करवाकर कार्य प्रारम्भ करने पर होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग आगामी दिनों में निवेशकों के साथ सम्भावित निवेश प्रस्तावों पर विचार विमर्श कर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए जरूरी अनापत्ति प्रमाण-पत्र, स्वीकृति आदि प्राथमिकता के साथ जारी कर दें, ताकि 24 जनवरी को सम्मेलन के दौरान इन परियोजनाओं के शिलान्यास अथवा उद्घाटन किए जा सकें। उन्होंने कहा कि विभागों में पूर्व में आए या लम्बित पडे़ निवेश प्रस्तावों पर भी उत्सुक निवेशकों के साथ चर्चा की जाए और उन्हें वास्तविक निवेश में परिवर्तित किया जाए। सम्बधित विभाग के अधिकारी उच्चतम स्तर पर निवेश सम्मेलन से जुडे़ कार्यों की नियमित समीक्षा करें और आवश्यकता होने पर उद्योग विभाग के साथ समन्वय करें। उन्होंने कहा कि सम्मेलन से पहले हस्ताक्षरित होने वाले निवेश प्रस्तावों और उनसे जुड़ी स्वीकृतियों आदि पर स्वयं मुख्य सचिव भी नियमित रूप से समीक्षा करेंगे और फीडबैक लेंगे। आर्य ने सभी विभागीय प्रमुखों को अपने-अपने जिला स्तरीय अधिकारियों (डीएलओ) को इन्वेस्ट राजस्थान की तैयारियों से जुड़े कार्याें में शामिल करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि विभाग इस आयोजन के लिए अपनी-अपनी टीमें तैयार करें और निवेश प्रस्तावों पर स्वीकृतियों अथवा अनुमोदन के कामों को तत्परता से पूरा करवाएं। उन्होंने कहा कि इस बार का निवेश सम्मेलन अधिक व्यापक और विस्तृत है तथा इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को जुटना पडे़गा।मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को भी ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ के लिए अपने स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बार निवेश सम्मेलन की विशेषता यह है कि राज्य स्तरीय मुख्य सम्मेलन से पहले जिलों में ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ से जुड़े आयोजन किए जाएंगे, जिनमें निवेश के लिए एमओयू अथवा एलओआई हस्ताक्षरित होंगे। भूमि आवंटन, भू-उपयोग परिवर्तन सहित अन्य स्थानीय स्वीकृतियों के लिए जिला कलेक्टरों को अधिक तत्परता के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उद्योग विभाग से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार की गई प्रचार सामग्री का कार्यशील उद्यमियों और सम्भावित निवेशकों के बीच वितरण कर उन्हें राज्य सरकार की निवेश प्रोत्साहन योजनाओं से अवगत कराएं, ताकि अधिकाधिक निवेशक इन योजनाओं का लाभ उठाकर राजस्थान में निवेश के लिए उत्सुक हों। शासन सचिव उद्योग आशुतोष पेडनेकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ सम्मेलन के आयोजन से सम्बंधित विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि पहली बार राज्य स्तरीय सम्मेलन से पहले ही सभी जिलों में निवेश सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही, विभिन्न विभागों के स्तर पर भी निवेशकों के साथ बैठकों के आयोजन मुख्य सम्मेलन से पहले कर लिए जाएंगे। जिला स्तर और विभाग स्तर पर इन आयोजनों में निवेशकों के साथ समझौता-पत्र हस्ताक्षरित करने तथा आवश्यक स्वीकृतियां और अनुमोदन जारी करने की प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विभिन्न निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास अथवा उद्घाटन करेंगे। बैठक में सम्बंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव अथवा विभागाध्यक्ष, शासन सचिव आयोजना नवीन जैन, आयुक्त उद्योग श्रीमती अर्चना सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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