जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
सबक के मंच पर उदयीमान कलाकार जप नाम सिंह ने दुर्लभ वाद्य दिलरुबा पर राग यमन में पंजाबी राग की बंदिश बजाई उन्होंने राग में अलाप सुंदर ताने व स्वर विस्तार पर अपने गुरु मोहम्मद उमर से लिए सबक को ऐसे बजाया की श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। मोहम्मद उमर राज्य के एकमात्र दुर्लभ वाद्य दिलरुबा के कलाकार है। कार्यक्रम में सिद्धार्थ अग्रवाल ने मंडोलियन पर राग भूपाली में तीन ताल की बंदिश सुरीले अंदाज में पेश की उन्होंने दिल है कि मानता नहीं की फिल्मी धुन से लोगों को मोहित किया। इन दोनों कलाकारों के साथ झांसी शहर के आए युवा कलाकार बरकत अली ने शानदार तबला संगत से कार्यक्रम को परवान चढ़ाया। इस अवसर पर सबक द्वारा सिद्धार्थ अग्रवाल एवं जप नाम सिंह को उदयीमान साधक उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन गुलजार वायलिन अकादमी एवं नेट थिएट के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। सबक सीरीज हर महीने आयोजित की जाती है जिसमें युवा कलाकारों के साथ वरिष्ठ कलाकारों को सबक के मंच पर आमंत्रित किया जाता है।
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