उदयपुर भगवान प्रजापत।
कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन के दस्तक ने सभी की नींद उड़ा दी हैं। इस वैरियंट के तेजी से फैलने की खबर के बाद प्रशासन अलर्ट मोड़ पर आ गया हैं। ऐसे में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सभी हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया उदयपुर पहुंचे। गालरिया ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सालयों का दौरा किया और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। गालरिया ने इस दौरान ऑक्सीजन प्लांट, नए मेडिकल आईसीयू, नर्सरी और 2018 के बाद से खाली पड़े जनाना अस्पताल के हालात देखें। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रीसींपल डॉ. लाखन पोसवाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए कोरोना की लहर को देखते हुए किए गये इंतजामों के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा एमबी हॉस्पिटल के अलग-अलग यूनिट के बारे में अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन ने जानकारी दी। वैभव गालरिया ने बताया कि एम बी हॉस्पीटल में बनी सुपर स्पेशलिटी विंग में रेजीडेंट डॉक्टर्स की सीट नही होने से जो परेशानी आ रही थी उसके लिए नई पॉलिसी बनाकर सरकार जल्द ही रेजीडेंट डॉक्टर्स की नियुक्ति करेगी। इसके अलावा कोरोना महामारी को लेकर की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। यहां पर आईसीयू, ऑक्सीजन प्लांट का दौरा किया और वहां की व्यवस्थाओं को देखा। एमबी हॉस्पीटल में अन्य वार्डो को देखा। कोरोना को लेकर कोशिश जाएगी कि अगर तीसरी लहर आती हैं तो पूर्ण व्यवस्थाओं के साथ मरीजों का इलाज किया जा सकें।
चिकित्सा सचिव को कई संगठनों से सौंपे ज्ञापन।
आरएनटी मेडिकल कॉलेज के विभिन्न अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों के अलग-अजग संगठनों ने चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना के बाद से कई तरह की समस्याए उत्पन हो गयी है लेकिन उनके निस्तारण के लिए कोई कार्य नही किया जा रहा हैं।
रेजीडेंट यूनियन के पदाधिकारियो ने गालरिया को सौंपा ज्ञापन।
मंगलवार को हड़ताल के दौरान रेजीडेंट यूनियन के पदाधिकारियों ने चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया से मुलाकात की और अपनी समस्याओं से उन्हे अवगत करवाया। रेजीडेंट यूनियन के अध्यक्ष डॉ. नवरत्न शर्मा ने गालरिया को बताया कि नीट-पीजी की काउंसलिंग नही होने से वर्तमान समय में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टर्स पर काम का दुगुना बोझ बढ़ गया हैं। कोरोना के दौरान सभी चिकित्सकों ने दिन रात कार्य किया लेकिन चिकित्सकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कोई कार्य नही किया जा रहा हैं।
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