भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

भरतपुर शहर में नाबालिग से कुकर्म करने के सनसनीखेज मामले में रोज नया मोड़ सामना आ रहा हैं। पीड़ित बच्चे की मां ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पीड़ित परिवार के घर आरएसी के जवान भी तैनात किये गए। लेकिन अब खबर है कि पीड़ित परिवार राजस्थान से उतरप्रदेश के आगरा पलायन कर गया है। इधर नाबालिग से कुकर्म मामले में विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भरतपुर में तैनात आरोपी जज जितेंद्र के साथी लिपिक ग्रेड द्वितीय राहुल कटारा और अंशुल सोनी को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के बाद राहुल कटारा को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नदबई एवं अंशुल सोनी को न्यायिक सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट रूपवास में उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं। 

दरअसल सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाने वाला पीड़ित परिवार दोपहर को भरतपुर से पलायन कर गया। बताया जा रहा है कि परिवार ने सुरक्षा के लिहाज से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले आगरा में किसी रिश्तेदार के यहां आसरा लिया है। सूचना यह भी है कि भरतपुर पुलिस की टीम पीड़ित परिवार को लेने के लिए उत्तर प्रदेश भी गई है वहीं पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिवार के 164 के बयान के लिए 2 नवंबर का सम्मन जारी किया है। नाबालिग के साथ जज और दो लिपिकों की ओर से कुकर्म करने के मामले की जांच करने सोमवार दोपहर को जयपुर से जनरल रजिस्ट्रार विजिलेंस और उनकी टीम भरतपुर पहुंचे। यहां पर टीम ने जिला न्यायाधीश, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर पूरे मामले के बारे में चर्चा की।

मामले मे हुई सियासत तेज।

वही भरतपुर कुकर्म मामले की गूंज राजनीतिक गलियारों में भी है। भाजपा एक बार फिर राजस्थान में अपराध को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आक्षेप किया और कहा कि अब तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इधर आरएलपी पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सरकार से आरोपी को बरखास्त करने की मांग की गई है।