उदयपुर भगवान प्रजापत।
नीट पीजी-2021 काउंसलिंग में देरी होने से नाराज आरएनटी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स सोमवार से हड़ताल पर चले गये। कोरोना, डेंगू सहित मौसमी बीमारियों के कहर के बीच डॉक्टरों का हड़ताल पर जाना लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है। हालांकि आपात सेवाओं को हड़ताल से बाहर रखा गया है। कुल 260 में से 250 रेजिडेंट डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने के बाद बाल चिकित्सालय-एमबी-जनाना अस्पताल में करीब 6 दर्जन अलग-अलग ऑपरेशन नही हो पाए। हडताल के चलते इन ऑपरेशन को टालना पड़ा। ऐसे में आरएनटी के एमबी अस्पताल, बाल चिकित्सालय, जनाना अस्पताल, टीबी हॉस्पिटल बड़ी, अंबामाता जिला अस्पताल और हिरणमगरी सेटेलाइट हॉस्पिटल में भर्ती 2800 गंभीर मरीजों के अलावा प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले 6000 मरीज अब 225 विशेषज्ञ डॉक्टर्स, 68 सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के भरोसे रहें। इससे कई अव्यवस्थाए भी देखी गई।
वरिष्ठ चिकित्सकों ने संभाला मोर्चा।
रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर जाने के साथ ही वरिष्ठ चिकित्सकों के कमरों के बाहर मरीजों की भारी भीड़ रही। हालांकि वरिष्ठ चिकित्सकों ने पूरी कोशिश की सभी मरीजों की जांच की जा सकें। लेकिन संख्या अधिक होने से हॉस्पिटल में अव्यवस्थाए फैल गयी। रेजिडेंट डॉक्टरों के नही होने से ओपीडी के साथ साथ इमरजेंसी में भी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
महामारी में ड्यूटी से इनकार करने पर 1 साल सजा व जुर्मानेे का प्रावधान।
महामारी के दौरान चिकित्सकों के ड्यूटी से इनकार करने पर एक साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान के साथ साथ विभागीय कार्यवाही करने के भी आदेश हैं। पूर्व में जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर महामारी के दौरान जिले के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी कोरोना महामारी के दौरान अपनी ड्यूटी से इनकार करने पर कड़ी कार्यवाही के आदेश जारी किए थे और यह आदेश अभी भी लागू हैं। ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टर्स की यह हड़ताल उनके लिए काूननी मुश्किले खड़ी कर सकती हैं।
काउंसिलिंग नहीं होने से 390 की जगह 260 रेजीडेंट्स डॉक्टर्स।
यूआरडीए अध्यक्ष डॉ. नवरत्न शर्मा का कहना है कि एसोसिएशन की मांग नीट पीजी-2021 काउंसलिंग में तेजी लाने की है। महामारी के कारण नीट पीजी 2021 में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश अनिश्चित काल के लिए विलंबित हो गया। पिछले डेढ़ साल से 260 रेजीडेंट 390 रेजीडेंट्स का काम कर रहे है। इससे हॉस्पिटल में काम करने वाले रेजिडेंट डॉक्टर्स को भारी परेशानी हो रही हैं। कोरोना महामारी के दौरान बतौर वॉरियर सभी रेजीडेंट्स ने अपनी जान हथेली पर रखकर मरीजों की जान बचाई, इसके बावजूद सरकार रेजीडेंट्स की इस मांग को नहीं सुन रही है।
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