अवनीश पाराशर।

करौली जिले मे 9 माह से 5 साल के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है, जो 30 नवम्बर तक चलेगा। इसके तहत 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रो एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों पर कोविड-19 के सभी निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए विटामिन-ए की खुराक पिलाई जायेगी। गौरतलब है कि  विटामिन-ए की यह खुराक 6 माह के अन्तराल मे पिलाई जाती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेषचंद मीना  ने बताया कि विटामिन-ए आंखों की बीमारियों जैसे रतौंधी, अंधता से बचाव के साथ-साथ बच्चों में शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। विटामिन-ए की खुराक देने से बच्चों में दस्त एवं निमोनिया आदि बीमारियों के घातक प्रभाव में कमी लाई जा सकती है। विटामिन-ए 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में भी कमी लाता है। कार्यक्रम के दौरान 1 से 5 साल तक के बच्चों को 2 एमएल खुराक पिलाई जाती है एवं 9 माह से 1 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की 1 एमएल खुराक पिलाई जाती है।

डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सतीशचंद मीना ने बताया कि विटामिन-ए की खुराक 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को 6 माह के अन्तराल पर वर्ष में दो बार जरुर पिलाएं। इससे बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्वि होती है। खसरा व डायरिया से होने वाली मृत्यु में कमी आती है। बच्चों की हड्डियों को मजबूती मिलती है। श्वसन संबंधी संक्रमण से बचाव होता है। आंख संबंधित रोग (रतौंधी) से बचाव होता है तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी होती है। इसलिए बच्चे के 9 माह पूरे होते ही उसे अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्र या स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर विटामिन-ए की खुराक पिलाना न भूलें। अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र की एएनएम अथवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सम्पर्क करें।

संस्था और संसाधन दुरूस्त पर एक दिवसीय बैठक संपन्न।

करौली चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संस्थानों और संसाधनों की दुरूस्तता हेतू एक दिवसीय बैठक का आयोजन स्वास्थ्य भवन परिसर स्थित सभागार में किया गया, जिसमें सीएमएचओ डॉ. दिनेशचंद मीना ने आवश्यक तैयारियों हेतू बीसीएमओ को निर्देशित किया। बैठक में आगामी दिनों में सीआरएम की होने वाली विजिट हेतू संस्थाओं और संसाधनों को अपडेट करने के निर्देश प्रदान करते हुए डॉ. मीना ने कहा कि संस्थाओं पर नाम लिखा होने के साथ साफ-सफाई, टायलेट की मय सफाई उपलब्धता, कंडम सामान का नियमानुसार निस्तारण, लेबररूम में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता, संस्थाओं पर आईईसी का प्रदर्शन, स्टोर अपडेट, अनटाईड फंड की उपलब्धता और उपयोग ,वीएचएनसी के अनटाईड फंड को उपयोग, कायाकल्प और एनक्यूएएस कार्यक्रम देखेरख, क्लेम फार्म संबंधित दस्तावेज की फाईलिंग, साईनेज का प्रदर्शन सहित अन्य सभी कार्यक्रमों और रिकार्ड को पूर्ण संधारण किये के निर्देश दिये।इस दौरान डीपीएम आषुतोष पांडेय ने अन्य जिलों में हुई विजिट के आधार पर 26 बिंदूओं को विस्तार से रखते हुए सीआरएम की संतोषप्रद विजिट के लिए आवश्यक कमियों को समय रहते पूरी की अपेक्षा जताई और फील्ड कर्मियों की बैठक लेकर अपडेट करने की जरूरत बताईं ।इस दौरान बीसीएमओ, सीएचसी प्रभारी, डीएमएम सुश्रुत शर्मा ,आईईसी समन्वयक लखनसिंह लोधा, डीएसी विष्वेन्द्र शर्मा सहित बीपीएम, एकाउंटेट, बीएचएस मौजूद रहे।