जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान राज्य सरकार द्वारा नकल रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद करने के खिलाफ दायर याचिकाओं को सुनवाई के लिए सीजे के पास भेज दिया है। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व फरजंद अली की खंडपीठ ने यह निर्देश शुक्रवार को नीरज कुमार यादव सहित अन्य की पीआईएल पर दिया। सुनवाई के दौरान एजी ने जवाब के लिए समय मांगा और कहा कि इस मुद्दे से संबंधित अन्य याचिकाएं जोधपुर में लंबित हैं, जिनमें 23 नवंबर को सुनवाई होनी है। जिस पर अदालत ने नेटबंदी के समान मुद्दे से जुड़ी इन याचिकाओं को भी सुनवाई के लिए सीजे के पास भिजवा दिया। दरअसल नीरज कुमार यादव ने पीआईएल में मुख्य सचिव व प्रमुख गृह सचिव को पक्षकार बनाते हुए कहा कि प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के दौरान आए दिन मोबाइल इंटरनेट को बंद किया जाता है। नकल रोकने के आधार पर रोके गए इंटरनेट से आमजन को काफी परेशानी होती है। नेटबंदी होने से मोबाइल के जरिए होने वाले सभी तरह के ऑन लाइन ट्रांजेक्शन रुक जाते हैं। साथ ही लोग कैब इत्यादि परिवहन सुविधाओं का उपयोग भी नहीं कर पाते। वहीं बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं भी प्रभावित होती हैं। ऑनलाइन व्यापार रुकने से सरकार को राजस्व हानि भी होती है। इसलिए नेटबंदी को अवैध व असंवैधानिक घोषित किया जाए।