ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशों के बाद सरकार ने शनिवार को भवन निर्माण अनुमोदन शुल्क और नाम हस्तांतरण शुल्क जैसे लगभग आधा दर्जन शुल्क कम कर दिए। पहले भवन निर्माण अनुमोदन शुल्क ₹50 और ₹75 वर्ग मीटर की दर से लगता था इसी तरह के छह और अन्य शुल्क मिलाकर 300 वर्ग मीटर के भवन के लिए लगभग ₹1लाख तक शुल्क हो जाता था लेकिन अब इसे सिर्फ ₹500 फिक्स कर दिया गया है। वही 500 वर्ग मीटर तक के भवन के लिए भी अब सिर्फ ₹1500 अनुज्ञा शुल्क लगेगा। भवन के नाम हस्तांतरण के लिए जो शुल्क 15 से ₹25 प्रति वर्ग मीटर था, उसे भी अब 300 वर्ग मीटर के लिए 1000 और 500 वर्ग गज तक के लिए ₹4000 फिक्स कर दिया गया है।
इसी तरह भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में भी 50% की छूट दी जाएगी। इससे पहले कृषि भूमि को आवासीय में बदलने के लिए नियमन दरों में भी छूट दी गई थी। आपको बता दें कि प्रशासन शहरों के संग के तहत पट्टा वितरण अभियान से पहले ही 2 साल के दौरान अफसरों ने भवन निर्माण और अनुमोदन जैसे कार्य के लिए 35 प्रकार के अलग-अलग शुल्क तय कर दिए गए थे। यह सभी शुल्क प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से लगाए गए थे। सभी को मिलाकर यह राशि लाखों रुपए में बैठती थी लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इन को कम करने के आदेश देने के साथ ही फिक्स चार्ज लेने के निर्देश दिए हैं। सरकार के इस निर्णय के बाद 500 वर्ग तक के भूखंड मालिकों को काफी राहत मिली है। 500 वर्ग मीटर से ज्यादा वाले भवनों के लिए पूर्ववर्ती आदेश जारी रहेंगे।
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