उदयपुर शहर मे सावन माह के दूसरे सोमवार को सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड रही। शहर के महाकाल मंदिर में सोमवार को भगवान महाकाल ने वन भ्रमण किया। इसके लिए भगवान महाकाल रजत पालकी में विराजमान मंदिर परिसर में स्थित नक्षत्र वाटिका पंहुचे। वंहा पर भगवान महाकाल को वन भ्रमण करवाया गया।
वन भ्रमण के दौरान सैकडों की तादात में भक्त नाचते गाते भगवान महाकाल की रजत पालकी में पीछे पीछे चल रहे थे। वन भ्रमण के बाद भगवान के प्रतिकात्मक रूप को मंदिर में विराजित किया गया और उसके बाद महाआरती की गई। हांलाकि कोरोना महामारी के चलते वन भ्रमण का कार्यक्रम केवल प्रतिकात्मक रूप में हुआ साथ ही सोमवार को महाकाल मंदिर में आने वाले भक्तों को पूर्ण रूप से सोशल डिस्टेसिंग की पालना करने का आह्वान किया गया। सोमवार को भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की।
इस मौके पर मंदिर में आए भक्तों ने कहा कि सावन माह में सोमवार को भगवान महादेव के जलाभिषेक का अलग ही महत्व होता है और भगवान महाकाल के अभिषेक के मन को शांति मिलती है। आपको बता दे कि इस बार गंगु कुंड से निकलने वाली कावड यात्रा भी सांकेतिक रूप से ही निकाली जाएगी। कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन ने कावड यात्रा की अनुमति नही दी है। ऐसे में सांकेतिक रूप से कावड यात्रा निकालकर कावडियें गंगु कुंड से पवित्र जल लेकर रवाना होगें और महाकाल मंदिर पंहुचकर जलाभिषेक करेगें।
उदयपुर से भगवान प्रजापत की रिपोर्ट,
0 टिप्पणियाँ