इसे प्रशासन की लापरवाही कहें या भ्रष्टाचार को शह देने के लिए आंख मूंदने की कार्यवाही की आम राशन उपभोक्ताओं की तमाम शिकायतों के बावजूद भी कार्यवाही नहीं होती देख, आज एक स्थानीय जागरूक नागरिक ने उचित मूल्य की दुकान पर जाकर यहां मिलने वाले गेहूं की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी।


एफसीआई के माध्यम से बीपीएल और अन्य वर्गों में उचित मूल्य की दुकानों के जरिए मिलने वाली गेहूं के कट्टो में भारी मात्रा में सुखा हुआ गोबर, पशुओं को खिलाने की खल, कचरा एवं अन्य पदार्थों की भारी मिलावट पाई गई।पुरानी आबादी निवासी नवल शर्मा पहलवान को जब इस बाबत उपभोक्ताओं से शिकायत मिली तो वे स्वयं वार्ड नंबर 5 के रामबाबू रामकिशन की उचित मूल्य की दुकान पर गए । यहां गेहूं के कट्टों को जब खोलकर देखा गया तो इसमें भारी मात्रा में सुखा हुआ


 गोबर, कचरा, पत्थर के टुकड़े, मिट्टी एवं पशुओं को खिलाने की खल की भारी मिलावट पाई गई। इससे लोग आक्रोशित हो गए ,वही राशन डीलर ने कहा कि यही गेहूं रसद विभाग द्वारा उन्हें उपलब्ध कराया गया है और वहीं गेहूं आम उपभोक्ता को बांटा जा रहा है।गौरतलब है कि रसद विभाग द्वारा पर्याप्त मॉनिटरिंग नहीं होने या उनकी लापरवाही के चलते संभव है कि एफसीआई के कट्टों में कहीं न कहीं गड़बड़ी की गई है और इस प्रकार की भारी मिलावट की गई है। एक के बाद एक तीन चार गेहूं के कट्टों को जब काटकर खोला गया तो उनमें से भारी मात्रा में कचरा लगातार नीचे गिरने लगा ।वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि रसद विभाग की लापरवाही के चलते आम उपभोक्ता को किस प्रकार से घटिया स्तर की मिलावटी गेहूं वितरित की जा रही है।



श्रीगंगानगर से राकेश मितवा की खबर,