आमागढ़ किले पर मीन भगवान का झंड़ा फहराने के बाद सूबे कि सियासत गर्मा गई है। पुलिस ने आमागढ़ किले में सभी का प्रवेश बंद कर दिया था जिससे किसी तरह का विवाद नहीं हो। लेकिन डॅा. किरोड़ी लाल मीना रात में ही आमेर स्थित आमागढ़ किले पर पहुंच गए। यहां सवेरे जल्दी ही उन्होंने आमागढ़ के किले पर मीणा समाज के भगवान मीन का झंडा किले पर फहरा दिया। 

जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने विद्याधर थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया। यहां तक की वसुंधरा राजे ने भी किरोड़ी की गिरफ्तारी की निंदा की। इसके बाद रामकेश मीना और मुरारी मीना ने भी डॅा किरोड़ी लाल मीना को रिहा करने की मांग की। आखिरकार पुलिस ने डॅा. किरोड़ी लाल मीना को रिहा कर दिया। डॅा. मीना ने अपने सभी समर्थकों से शांति पूर्ण तरीके से अपने- अपने घर जाने की अपील की है। साथ ही सरकार से कहा कि वे आदिवासियों के प्राचीन स्थलों का संरक्षण करें। भविष्य किसी भी स्थल के साथ तोड़फोड़ या छेड़छाड होगी तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा सदियों से आमागढ़ पर मीना समाज की फताका लहरा रही है जिसे कुछ असामाजिक कंटकों ने हटाकर भगवा झंडा लगा दिया था जिसे हटाकर अब फिर से मीणा समाज की फताका फहरा दी गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि मीणा समाज शुरु से ही हिंदू धर्म को मानता आ रहा है उसकी रग- रग में हिंदू धर्मा रचा- बसा है इसलिए कोई भी उनके हिंदू होने या नहीं होने पर सवाल नहीं उठाए। उन्होंने प्रशासन से यथा स्थिति बनाए रखने की अपील की है।



यह था पूरा मामला


दरअसल आमागढ़ प्रकरण पिछले कुछ दिनों से सियासी रंग लेता नजर आ रहा है। आमागढ़ में मीणा समाज से जुड़ा एक मंदिर है। पिछले दिनों यहां मूर्तियां खंडित कर दी गई थी। जिसके बाद कुछ हिंदूवादी संगठनों ने इस जगह भगवा ध्वज लगा दिया था। लेकिन गंगापुर सिटी से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने कुछ ही दिनों बाद अपने समर्थकों के साथ यहां पहुंचकर भगवा ध्वज हटा दिया था।विधायक रामकेश ने आरएसएस सहित कई संगठनों पर अनाधिकृत रूप से मंदिर और क्षेत्र में कब्जा करने की बात कही। जिसके बाद सांसद किरोडी लाल मीणा भी इस मामले में खुलकर सामने आ गए।  हाल ही में मीणा ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को इस मसले पर ज्ञापन दिया था। किरोड़ी ने रविवार को यहां ध्वजा फहराने का ऐलान भी किया था। दूसरी तरफ विधायक रामकेश मीणा ने रविवार को ही गांधी सर्किल से सिविल लाइंस फाटक तक पैदल मार्च निकालकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देने की बात कही थी। यह भी कहा था कि इसके जरिए मंदिर के शिलालेख और देवी देवताओं की मूर्ति तोड़ने वाले और समाज का झंडा उतारने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट,