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जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट
पाली जिले के रानी पंचायत समिति में प्रधान पद के चुनाव में मतदान करने से रोकने अपहरण मारपीट और जातिगत शब्दों से अपमानित करने के मामले मे पुलिसभले ही जुट गई हो.और पंचायत समिति सदस्यों के बयान कलमबंद कर लिए हो। लेकिन यह बात भी किसी से नही छुपी है कि अपहरण करने वाले लोग रसूखदार तो है ही साथ ही कांग्रेस को झटका देने मे भी माहिर शातिर चालक है.
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर को रानी में हुए प्रधान पद के लिए मतदान के दिन भाजपा से जीते हुए 4 निर्वाचित सदस्य वोट देने नहीं पहुंच पाए. इस दौरान भाजपा व कांग्रेस ने सदस्यों का अपहरण और बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए धरना देकर प्रदर्शन भी किया. इसका मुकदमा दिनेश कुमार उर्फ दुदाराम सीरवी ने दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि बंदूके वह पिस्तौल तानकर गुंडों ने भाजपा नेताओं की मदद से चारों सदस्यों का अपहरण किया था. भाजपा के जिला प्रभारी बाबू सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष मंसाराम परमार, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष खीमाराम ढारिया, किशन सिंह बोलागुडा, अजय पाल सिंह हेमावास, अमरसिंह सिनली, भंवर सिंह मंडली, सुरेश चौधरी, नरपत सिंह राजपुरोहित,गिरधारी सिंह मेड़तिया, वोला गुंडा, नारायण सिंह आकड़ावास तथा नारायण लाल कुमावत पर आरोप लगाया है कि अपराधी किस्म के लोगों ने भाजपा नेताओं की मौजूदगी में उनके सिर पर बंदूक व पिस्तौल तान दी और कहा कि यदि उनको जिंदा रहना है तो जैसा भी कहते हैं वैसा ही करें और उनके बताए प्रत्याशी को ही वोट दें, इसके बाद उनको नारायण सिंह आकड़ावास के फार्म हाउस समेत कुंभलगढ़ के रिसोर्ट में ले जाया गया, वहां पर उनको बंधक बनाकर रखने के साथ ही मारपीट की प्रधान पद के लिए मतदान भी नहीं करने दिया गया।
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