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जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट

पाली जिले के रानी पंचायत समिति में प्रधान पद के चुनाव में मतदान करने से रोकने अपहरण मारपीट और जातिगत शब्दों से अपमानित करने के मामले मे पुलिसभले ही जुट गई हो.और पंचायत समिति सदस्यों के बयान कलमबंद कर लिए हो। लेकिन यह बात भी किसी से नही छुपी है कि अपहरण करने वाले लोग रसूखदार तो है ही साथ ही कांग्रेस को झटका देने मे भी माहिर शातिर चालक है.



दरअसल रानी पंचायत समिति में प्रधान के चुनाव में 4 पंचायत समिति सदस्यों को हत्यारों के बल पर वोट देने से वंचित रखने के मामलों में 4 सदस्यों के बयान पुलिस ने ले लिए हैं, साथ ही कई अन्य लोगों के बयान भी जांच अधिकारी ने ले हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि बयानों के साथ ही पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो गए हैं।  इन चौकानेवाले बिंदुओं मैं सबसे खतरनाक बात तो यह है कि जिन लोगों का FIR में नाम दर्ज है वह लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सीएमओ में सेल्फी खींचते हुए नजर आ रहे हैं। जाहिर बात है ये लोग बहुत ही शातिर हैं। सबसे पहले इन्होने प्रधान चुनावों में हथियारों के बल पर दहशत फैलाई. जब पीड़ित पक्ष ने पुलिस की शरण की तो ये लोग धन और रसूख के बल पर अदालत से स्टे ले आए।  अब स्थानीय पुलिस पर दबाव बनाने के लिए सीएमओ में सेल्फी खींचकर फेसबुक और अन्य सोशियल मीडिया पर अपलोड कर रहें हैं। फोटो में नजर आ रहे ये दो शख्स हैं नारायण सिंह आकड़ावास और गोविन्द ओडवाडिया और इनके सरपरस्त हैं मारवाड़ जंक्शन के निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह।  जिनके रसूख का इस्तेमाल कर इनको सीएम आवास में एंट्री मिली। अब वर्तमान कांग्रेस सरकार में निर्दलीय विधायकों की कितनी पूछ है, यह किसी से छुपा नहीं है।  बहरहाल अब देखना यह होगा की इस मामले में मुख्यमंत्री का क्या रुख रहता है।  क्या वे अपनी पार्टी के डंडे खाने वाले और झंडा उठाने वालों के साथ हैं या अपनी सरकार की बैसाखियों के साथ ?



यह है पूरा  मामला

जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर को रानी में हुए प्रधान पद के लिए मतदान के दिन भाजपा से जीते हुए 4 निर्वाचित सदस्य वोट देने नहीं पहुंच पाए. इस दौरान भाजपा व कांग्रेस ने सदस्यों का अपहरण और बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए धरना देकर प्रदर्शन भी किया. इसका मुकदमा दिनेश कुमार उर्फ दुदाराम सीरवी ने दर्ज कराया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि बंदूके वह पिस्तौल तानकर गुंडों ने भाजपा नेताओं की मदद से चारों सदस्यों का अपहरण किया था. भाजपा के जिला प्रभारी बाबू सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष मंसाराम परमार, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष खीमाराम ढारिया, किशन सिंह बोलागुडा, अजय पाल सिंह हेमावास, अमरसिंह सिनली, भंवर सिंह मंडली, सुरेश चौधरी, नरपत सिंह राजपुरोहित,गिरधारी सिंह मेड़तिया, वोला गुंडा, नारायण सिंह आकड़ावास तथा नारायण लाल कुमावत पर आरोप लगाया है कि अपराधी किस्म के लोगों ने भाजपा नेताओं की मौजूदगी में उनके सिर पर बंदूक व पिस्तौल तान दी और कहा कि यदि उनको जिंदा रहना है तो जैसा भी कहते हैं वैसा ही करें और उनके बताए प्रत्याशी को ही वोट दें, इसके बाद उनको नारायण सिंह आकड़ावास के फार्म हाउस समेत कुंभलगढ़ के रिसोर्ट में ले जाया गया, वहां पर उनको बंधक बनाकर रखने के साथ ही मारपीट की प्रधान पद के लिए मतदान भी नहीं करने दिया गया।