विधायक मुकेश भाकर, गावड़िया बोले— डोटासरा ने किया आरएसएस से मुकाबला , इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है। 

मुकेश शर्मा की रिपोर्ट। 

गुटबाजी से लबरेज कांग्रेस पार्टी में पायलट गुट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के पक्ष में खुलकर आ गया है। हालांकि सरकार बनने तक डोटासरा पायलट के साथ ही थे लेकिन पायलट की ओर से पिछले साल किए गए विद्रोह के दौरान वो गहलोत गुट के साथ आ गए थे। पायलट के विद्रोह से पहले भी पायलट ने डोटासरा का नाम पीसीसी चीफ के लिए आगे बढ़ाया था। 

गुरुवार को डोटासरा के लिए राहत भरा दिन रहा जब पिछले कई दिनों से रिश्तेदारों के आरएसएस में चयन से लेकर कई मुद्दों पर विवादों में चल रहे डोटासरा के पक्ष में पायलट गुट के विधायक खुलकर उतरे। पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया ने अजय माकन से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में डोटासरा का खुलकर बचाव किया। पायलट समर्थक विधायकों के डोटासरा के बचाव में उतरने को नए सियासी समीकरणों की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। 

लाडनूं से विधायक मुकेश भाकर ने कहा—  शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अच्छा काम कर रहे हैं। आरएसएस—बीजेपी के लोगो से उन्होंने मुकाबला किया है। डोटासरा ने पार्टी को आइडियोलोजिकली मजबूत किया है। जिस दिन डोटासरा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया था उसी दिन हमने कहा था कि एक अच्छे कार्यकर्ता को मौका दिया है। डोटासरा ने आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ स्टैंड लिया इसलिए उन्हें अब टारगेट किया जा रहा है। ​कई विधायकों से भी हमारी बात हुई है, वे भी शिक्षा मंत्री के काम से खुश हैं। उन्हें टारगेट करके जो भी बातें कहीं जा रही हैं वे गलत हैं। आरएसएस और भाजपा के लोगों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर हमलवार होने पर भाजपा के लोग गोविंद सिंह डोटासरा पर RAS भर्ती को लेकर मनगढंत आरोप लगा रहे हैं।

परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया ने भी गोविंद सिंह डोटासरा का बचाव किया और कहा कि शिक्षा मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं, जो अच्छा काम करते हैं उनकी तारीफ होनी चाहिए।  पहली बार किसान के बेटे को शिक्षा मंत्री बनाया गया, उनका काम अच्छा है। डोटासरा ने शिक्षा मंत्री के तौर पर शिक्षा के भगवाकरण को रोका, इसलिए आरएसएस—बीजेपी के लोग उनसे नाराज हैं।  डोटासरा ने मंत्री पद पर रहते हुए तमाम काम किए जिससे किसान कौम का भला हो सकता है। आरएसएस के लोगों ने उनके खिलाफ गलत आरोप लगाकर प्रोपेगेंडा चलाया। 


डोटासरा पहले से ही थे संदेह के दायरे में ! 

गोविंद सिंह डोटासरा पर लग रहे आरोपों पर अब तक किसी गहलोत समर्थक विधायक ने उनका बचाव नहीं किया। पहली बार पायलट समर्थक ही उनके बचाव में उतरे हैं। पायलट समर्थकों के डोटासरा के बचाव में उतरने को लेकर ​सियासी हलकों में सामान्य नहीं माना जा रहा। इसके पीछे भी मजबूत दलील है कि डोटासरा जब से पीसीसी चीफ बने हैं उनके साथ एक भी गहलोत समर्थक नेता काम नहीं कर रहा है। अधिकांश गहलोत समर्थक अब तक डोटासरा के साथ राजनीतिक गतिविधियों में नजर नहीं आए हैं। गुरुवार को पायलट समर्थकों के डोटासरा का समर्थन करने को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। 

तीन दिन पहले 6 पायलट समर्थक विधायकों ने डोटासरा के घर पर उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात की भी सियासी हलकों में चर्चाएं हैं। 

हाल की घटनाओं का इशारा 

 2 अगस्त को स्कूल खोलने की डोटासरा की घोषणा को अगले ही दिन मुख्यमंत्री गहलोत ने पलट दिया, इस घटना ने भी सियासी चर्चाओं को जन्म दिया। रिश्तेदारों को उपकृत करने की हाल की घटनाओं से डोटासरा राजनीतिक फ्रंट पर खुद को अकेला समझ रहे थे और गहलोत समर्थक विधायको सहित मंत्रिमंडल में उनके किसी सहयोगी ने भी उनका साथ नहीं दिया। ऐसे वक्त में डोटासरा को पायलट गुट का साथ मिला है।