फुल वैक्सीनेशन यानी सभी को दोनों डोज लगने का आंकड़ा अभी बहुत दूर की कौड़ी लग रहा है लेकिन एक राहत की बात यह है कि बीकानेर शहर में फर्स्ट डोज इम्युनाइजेशन लगभग पूरा होने जा रहा है। खासतौर पर 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लगभग सभी लोगों को यह डोज लग गई है। शहर में इस उम्र वालों की अनुमानित आबादी 135740 मानी गई है।
इनमें से 131566 को पहला टीका लग गया। मतलब यह कि 96.92 प्रतिशत ने यह टीका लगवा लिया। आमतौर पर 90 प्रतिशत टीकाकरण को शत-प्रतिशत माना जाता है। इस लिहाज से अब 45 से अधिक वाले बमुश्किल गिने-चुने लोग ही पहले टीके से वंचित रहे हैं। पूरे जिले की बात करें तो 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले 510825 में से 425503 को पहला टीका लग गया।
जिले में भी 83.30 प्रतिशत को पहली खुराक मिल चुकी है। अब पहली खुराक के लिए 18 से 44 वर्ष की आबादी को इंतजार करना पड़ रहा है। वजह, बड़ी तादाद में सैकंड डोज पेंडिंग हो जाने से जितने भी टीके आ रहे हैं उनमें से 80 प्रतिशत सैकंड डोज के उपयोग में आ रहे हैं। यही वजह है कि बीकानेर जिले में 18 से 44 वर्ष वाले 1083398 में से 413990 को ही पहला टीका लग पाया है। मतलब यह कि इस उम्र वाले 38.21 प्रतिशत को फर्स्ट डोज लगी है।
यूँ समझिये
54.64% को पहली डोज लगी, 17.55% का ही फुल वैक्सीनेशन
12 लाख से ज्यादा सैकंड डोज बाकी
280695 को 28 जुलाई तक सैकंड डोज लगी है। ऐसे में अब भी 12 लाख से ज्यादा सैकंड डोज और 20.45 लाख डोज की अब भी दरकार।
1594223 यानी लगभग 16 लाख वयस्क आबादी मानी गई है बीकानेर जिले में। इन्हें दोनों डोज लगाने के लिए 32 लाख डोज चाहिए। अब तक 1154572 टीके लगे हैं। इस कारण अब भी 2045428 डोज की जरूरत है।
जुलाई के 28 दिनों का औसत देखें तो 6818 टीके हर दिन लग रहे हैं। ऐसे में यही रफ्तार रहती है तो सभी वयस्कों को टीके लगाने में 300 दिन लगेंगे। अब तक के कुल वैक्सीनेशन का अनुपात देखें तो 194 दिनों में 1154572 टीके लगे हैं। अब तक का प्रतिदिन औसत है 5951 टीके। इसका अर्थ है कि जुलाई में प्रतिदिन टीके की औसत रफ्तार में बढ़ोतरी हुई है।
वैक्सीन मिलते ही हम ज्यादा से ज्यादा सेशन क्रिएट कर टीके लगा रहे हैं। अब तक लगभग 12 लाख टीके लगा चुके हैं। फर्स्ट डोज भी लगा रहे हैं लेकिन सैकंड डोज ड्यू होने से उस पर अभी ज्यादा डोज दी जा रही है।
- डॉ. राजेश कुमार गुप्ता, आरसीएचओ बीकानेर
(दैनिक भास्कर से साभार)
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