ब्यूरो रिपोर्ट।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की ओर से लिए जा रहे विधायकों के फीडबैक में बुधवार को 12 जिलों के विधायकों से हुई मंत्रणा के बाद एक निष्कर्ष सामने आया है और वो ये है कि यदि गहलोत और पायलट एक हो जाएं तो ही पार्टी सत्ता में वापसी की उम्मीद कर सकती है। अजय माकन से बंद कमरे में अकेले में हुई बातचीत के दौरान सभी विधायक खुलकर अपने मन की बात बोल रहे हैं। इन्हीं में से कुछ विधायकों ने माकन को यह संदेश दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एक मंच पर लाए बिना पार्टी का फिर से सत्ता में लौटना मुश्किल है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी पार्टी गुटबाजी के चलते ऊपर से लेकर जमीनी स्तर तक दो खेमों में विभाजित हो गई है और इसको पार्टी का बड़ा नुकसान हो रहा है।
दूसरी ओर पहले दिन हुई रायशुमारी के दौरान मंत्रियों के व्यवहार और कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल खासतौर से जयपुर सीकर अलवर और झुंझुनू सहित अन्य जिलों के विधायकों के निशाने पर रहे हैं। इनमें भी रघु शर्मा, डोटासरा और धारीवाल के व्यवहार को लेकर ज्यादा शिकायतें मिली है. अंदर खाने से मिली खबर के अनुसार जयपुर के लगभग 10 विधायकों ने शांति धारीवाल की कार्यशैली को लेकर शिकायत की। उनका कहना था कि जयपुर के प्रभारी मंत्री होने के नाते धारीवाल ने पिछले ढाई साल में एक भी बैठक नहीं ली। विधायकों से ली जा रही राय में गुरुवार को अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक, उदयपुर, राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, जालौर और पाली सहित सिरोही जिले के विधायकों का नंबर है।
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