ब्यूरो रिपोर्ट।
राजधानी जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में स्थित सार्वजनिक पार्क में करंट से हुई बच्चे की मौत पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही। बच्चे के परिजनों को सहायता देने के नाम पर कार्यवाहक महापौर शील धाभाई ने मंगलवार को आरोपित कंपनी की ओर से दिए गए दो लाख के चेक को परिजनों को सौंपा तो उन्होंने इसे वापस लौटा दिया। इस मामले में मीडिया मे सुर्खियां आते ही महापौर शील धाभाई नाराज हुई और उन्होंने वापस लौटाए गए चेक को फाड़ दिया। मृतक बच्चे गौरव की मां के सामने चेक फाड़ते हुए यह भी कहा अब कोई मदद नहीं की जाएगी। इससे पहले मंगलवार को चेक सोपने के समय कहा था कि पीड़ित परिवार को नौकरी लगाने से लेकर डेयरी आवंटित करने के प्रयास भी किए जाएंगे। लेकिन महापौर का ऑडियो वायरल होने के बाद उनका रवैया बदल गया। उन्होंने कहा कि कंपनी और मैंने मानवता के नाते चेक दिया था। जब बच्चे की मौत हुई थी तो बहुत से लोग केवल राजनीति करने पहुंचे थे, उन्होंने कोई सहायता नहीं की. मैं बच्चे के परिजन से मिली और सहायता का आश्वासन दिया था, इसीलिए मैंने चेक सौंपा था। उधर वायरल हुए ऑडियो में वकील पैसे खा जाएंगे जैसी बात सामने आने पर अधिवक्ताओं ने नाराजगी जाहिर की है। बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने विधिक नोटिस भेजकर महापौर से तत्काल बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। वही बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से पीड़ित परिवार का केस लड़ने की घोषणा की गई है। उधर इस पूरे मामले में हेरिटेज निगम आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव का कहना है कि जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। कार्यवाही करने से पहले एक प्रक्रिया को पूरा करना होता है। उसको पूरा करते हुए निर्णय लिया जाएगा आपको बता दें कि अब तक हुई कार्यवाही के दौरान इस मामले में जिम्मेदार फर्म आरसी एंटरप्राइजेज पर कार्रवाई करने की बजाय निगम प्रशासन उसे बचाता हुआ दिखाई दे रहा ह।
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