ब्यूरो रिपोर्ट।
प्रदेश के जयपुर, जोधपुर और अजमेर विद्युत वितरण डिस्कॉम में स्मार्ट मीटर और स्मार्ट ग्रिड सिस्टम लगने के बाद लगभग 30 से 50% तक कर्मचारी कम हो जाएंगे। स्मार्ट मीटर लगने के बाद डिस्कॉम के जूनियर इंजीनियर, मीटर रीडर, मीटर इंस्पेक्टर, कमर्शियल असिस्टेंट, विजिलेंस चेकिंग टीम, टेक्निकल हेल्पर और कंज्यूमर क्लर्क जैसे पद समाप्त हो जाएंगे। ऐसे में बिजली कंपनियों में सरकारी नौकरी लगने के अवसर भी कम हो जाएंगे क्योंकि स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडर, विजिलेंस चेकिंग, बिलिंग सिस्टम और कनेक्शन काटने और जोड़ने वाले टेक्निकल कर्मचारियों के साथ ही बिल बनाने वाले और बिल की गलतियों को सही करने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों की जरूरत ही नहीं रहेगी। अब डिस्कॉम की ओर से जिन सब डिवीजनों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम हो रहा है, वहां से कर्मचारियों की संख्या कम करके दूसरे सब डिवीजन में लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। आपको बता दें कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम फिलहाल 70 सबडिवीजन में होगा। प्रदेश में ₹500 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग छह लाख उपभोक्ताओं के घरों में बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर में मोबाइल की तरह सिम लगी होगी, इससे पूरा मीटर ही ऑनलाइन रहेगा. मीटर रीडिंग, लोड वोल्टेज, डिस्कनेक्शन, रीकनेक्शन और बिजली सप्लाई सहित अन्य सभी काम की मॉनिटरिंग इंजीनियर अपने दफ्तर में बैठकर कर सकेंगे। उपभोक्ता भी बिजली मित्र एप पर मीटर के हालात को ऑनलाइन देख सकेंगे। मीटर रीडर को घर-घर जाकर रीडिंग लाने की जरूरत नहीं होगी और बिलिंग का काम भी ऑनलाइन हो जाएगा। बिल जमा नहीं होने पर ऑफिस से बैठे-बैठे ही संबंधित उपभोक्ता का कनेक्शन काट दिया जाएगा।
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