ब्यूरो रिपोर्ट
प्रदेश में फोन टैपिंग विवाद एक बार फिर गरमाता जा रहा है हालांकि शनिवार को जोधपुर लौटे गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बारे में मीडिया कर्मियों को कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और नो कमेंट की बात करके चले गए लेकिन प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने एक बार फिर शेखावत को कटघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है की बात हास्यास्पद है कि शेखावत इतने दिनों बाद अब केस दर्ज करा कर आए हैं। उन्होंने उस समय ही वॉयस सैंपल क्यों नहीं दिया? यदि वे पाक साफ होते तो आगे बढ़कर वॉयस सैंपल देते तो जांच अपने आप स्पष्ट हो जाती। मीडिया कर्मियों ने जब इस बाबत सवाल किया कि वॉयस सैंपल तो आपके विधायकों के भी लेने चाहिए थे। उनका इशारा भरतपुर के विश्वेंद्र सिंह और सरदार शहर के भंवर लाल शर्मा की ओर था।
इस बात को नजरअंदाज करते हुए धारीवाल ने। कहा कि? फोन टैपिंग के मामले में जो भाजपा हो, हल्ला मचा रही है। इसका नतीजा अब जांच एजेंसी ही निकालेगी। और बात चाहे हमारे विधायकों की हो या शेखावत की तो सब कुछ अपने आप सामने आ जाएगा।। भाजपा ने यह सवाल उस समय क्यों नहीं उठाए जब नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल में गुजरात में 90000 फोन एक साथ टेप होने की बात सामने आई थी। उस समय सवाल पूछने वाले भाजपाई कहां चले गए थे?
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