ब्यूरो रिपोर्ट।
जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में गर्मिर्यों में सफल पेयजल प्रबंधन के लिए जिला कलक्टर्स को सतत मॉनिटरिंग करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू आपूर्ति व्यवस्था के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सभी जिला कलक्टर्स को इस सम्बंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि पीएचईडी के सभी अधिकारियों को सजगता के साथ अपने दायित्व के निर्वहन के लिए पाबंद किया गया है। साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के लिए समर कंटीजेंसी प्लान, जल परिवहन व्यवस्था के लिए राशि,अतिरिक्त संविदा कर्मिर्यों एवं किराये के वाहन उपलब्ध कराने सहित अनेक कदम उठाए है। उन्होंने सभी कलक्टर्स से कहा गया है कि वे अपने जिलों में ग्राम सेवक और पटवारियों सहित तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट्स को पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पर पूरी नजर बनाए रखने की हिदायत दे ताकि आपूर्ति में व्यवधान की अधिकारियों के साथ मिलकर निराकरण किया जा सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर में री-लाईनिंग के कार्यों के कारण नहरबंदी से प्रभावित बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, चुरू, नागौर, झुंझुनू और सीकर जिलों में सम्बंधित जिला कलक्टर्स को प्रशासन एवं पीएचईडी के अधिकारियों के समन्वय से विशेष मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए है सभी जिलों में आकस्मिक कार्यों के लिए कलेक्टर्स 50-50 लाख रुपए की राशि के कंटीजेसी कार्य की स्वीकृति के लिए अधिकृत किए हैं। समस्याग्रस्त क्षेत्रों का आंकलन करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 4180.25 लाख रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की है । इसमें बीकानेर, झालावाड़, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली और प्रतापगढ़ में अकाल से प्रभावित आबादियों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 426.38 लाख रुपये की स्वीकृति शामिल है। वहीं शहरी क्षेत्रों में प्रदेश के 119 कस्बों में जल परिवहन व्यवस्था के लिए 2776.70 लाख रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। जिला एवं राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा।प्रदेश में अवैध जल कनैक्शनों के खिलाफ तीन माह का विशेष अभियान आरम्भ किया गया।
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