श्रीगंगानगर से राकेश मितवा की  रंगीली सुरमई खबर


श्रीगंगानगर में होली का खुमार हर किसी की सर चढ़कर बोल रहा है। पंजाबी संस्कृति में रचे बसे इस गंगानगर में शेखावाटी अंचल की चंग धमाल के आयोजन लगातार देखने में आ रहे है। होली के रसिया चंग धमाल ढोल मजीरे के साथ होली के परंपरागत शेखावाटी अंचल के गीतों के साथ अपनी शानदार रंग रंगीली संस्कृति से लोगों को परिचित करवा रहे हैं ।


          बांसुरी की शानदार धुन पर शेखावाटी अंचल से आए रोजी-रोटी की तलाश में यहां पांच छह दशकों पहले आए लोगों ने इस शेखावाटी अंचल की होली संस्कृति को अभी तक जिंदा रखा है । गोल घेरे में ढप और चंग के साथ बांसुरी की धुन पर मजीरे के साथ होली के परंपरागत गीत गाए जाते हैं। जिसमें बीकानेर महाराजा गंगा सिंह की वीरता के साथ-साथ उनके दानी व सेवाभावी व्यक्तित्व का भी वर्णन होता है, वही भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम के साथ-साथ शृंगार रस के गीतों की भी प्रधानता होती है। वही कृषि ,पर्यावरण ,लोक संस्कृति व आपसी संबंधों की मीठी चुल्हबाजिया भी फगुनिया गीतों के विषय होते है। 

       मरुधर कला मंच ,बीकानेर कला मंच, भवानी चंग पार्टी और गोरबंद जैसी संस्थाएं चंग धमाल का आयोजन करती हैं। वही नगर परिषद छोटी धानमंडी  में भी चंग धमाल का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

        हालांकि इस बार करो ना को लेकर प्रशासन ने अपनी गाइडलाइन जारी की है लेकिन फिर भी एहतियातन उपायों को अपनाते हुए होली के रसिया अपनी मस्ती को लगातार बांटने में लगे हैं