आप सब को होली की बधाई। ये है मेरी वाली हिंदुस्तानी होली।

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह


नाम नबी की रतन चढी, बूँद पड़ी इल्लल्लाह

रंग-रंगीली उही खिलावे, जो सखी होवे फ़ना-फी-अल्लाह

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह


अलस्तु बिरब्बिकुम पीतम बोले, सभ सखियाँ ने घूंघट खोले

क़ालू बला ही यूँ कर बोले, ला-इलाहा-इल्लल्लाह

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह


नह्नो-अकरब की बंसी बजायी, मन अरफ़ा नफ्सहू की कूक सुनायी

फसुम-वजहिल्लाह की धूम मचाई, विच दरबार रसूल-अल्लाह 

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह


हाथ जोड़ कर पाऊँ पडूँगी आजिज़ होंकर बिनी करुँगी 

झगडा कर भर झोली लूंगी, नूर मोहम्मद सल्लल्लाह

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह


फ़ज अज्कुरनी होरी बताऊँ , वाश्करुली पीया को रिझाऊं

ऐसे पिया के मैं बल जाऊं, कैसा पिया सुब्हान-अल्लाह  

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह


सिबगतुल्लाह की भर पिचकारी, अल्लाहुस-समद पिया मुंह पर मारी

नूर नबी डा हक से जारी, नूर मोहम्मद सल्लल्लाह

बुला शाह दी धूम मची है, ला-इलाहा-इल्लल्लाह 

होरी खेलूंगी कह कर बिस्मिल्लाह