प्रदेश में होली उत्सव की बयार बहने के साथ ही उप चुनाव की बिसात भी बिछ गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपने मोहरे सजा दिए हैं। शनिवार दोपहर कांग्रेस की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में राजसमंद से तनसुख बोहरा, सहाड़ा से गायत्री देवी और सुजानगढ़ सीट से भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल को टिकट दिया गया है। यानि कि अब भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी के सामने तनसुख बोहरा, रतन लाल जाट के सामने गायत्री देवी और खेमाराम मेघवाल के सामने मनोज मेघवाल में मुकाबला होगा। देखा जाए तो दोनों ही पार्टियों ने प्रत्याशियों के चयन में ना केवल सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है।
वहीं जातिगत समीकरणों को भी बखूबी साधा है। भाजपा ने दीप्ति माहेश्वरी तो कांग्रेस ने मनोज मेघवाल के नाम पर सहानुभूति लहर को भुनाने की कोशिश की है। दोनों ही पार्टियों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। लेकिन बात यहां तीसरे कोण के बिना अधूरी लगती है और वह है आदिवासी इलाके में अपनी पैठ जमा चुकी बीटीपी और जाट बहुल इलाके में सेंध मार चुकी हनुमान बेनीवाल की आरएलपी । इन दोनों ही पार्टियों को किसी भी कीमत पर कमतर नहीं आंका जा सकता। इनके उम्मीदवार कांग्रेस और भाजपा को अच्छी खासी टक्कर दे सकते हैं। वैसे इस उपचुनाव में भाजपा अपने संसाधनों के दम बाजी अपने पक्ष में करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। केंद्र में सत्ता पर काबिज भाजपा साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाने से कोई गुरेज नहीं करेगी। ऐसी संभावना प्रबल है। भाजपा अपने विपुल संसाधनों से बीएसपी के उम्मीदवारों को कांग्रेस का वोट बैंक खिसकाने की भी रणनीति सोचे बैठी है। फिलहाल अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस उपचुनाव मे तीसरा मोर्चा अपनी मौजूदगी का अहसास किस तरह कर आता है?
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