ब्यूरो रिपोर्ट


प्रदेश के खान विभाग की ओर से की गई एक जांच में एक अजीब वाकया सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से बजरी खनन पर लगाई गई रोक के बाद अवैध बजरी को जप्त कर थानों में पहुंचाया गया। बजरी का स्टॉक थाने के बाहर ही रखा गया जब खान विभाग ने इसकी नीलामी प्रक्रिया शुरू की तो सामने आया कि थानों में पड़ी। लगभग 15 सौतन बजरी गायब हो गई। 78 पुलिस थानों और चौकियों में जप्त की गई बजरी में से खान विभाग ने 64 थानों और चौकियों में बजरी का स्टॉक कम मिला या फिर मिला ही नहीं । इस मामले का खुलासा होने के बाद खान विभाग की ओर से संबंधित थानों में बजरी गायब होने का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। खान विभाग ने जयपुर के 78 थानों और चौकियों में जप्त बजरी का रिकॉर्ड जांचा तो केवल 14 थानों में ही बजरी का सही स्टॉक पाया गया। बाकी सभी थानों में बजरी का स्टॉक रजिस्टर में दर्ज मात्रा से बहुत कम मिला या फिर मिला ही नहीं। 


पुलिस विभाग ने यह तर्क दिया कि बजरी या तो बारिश में बह गई या तेज हवा में भी उड़ गई, इसके चलते बजरी कम हुई है लेकिन पुलिस का यह तर्क खान विभाग के गले नहीं उतर रहा विभाग के अनुसार टाटिया वास चौकी का ही उदाहरण दिया गया। यहां स्टॉक के अनुसार 507 टन बजरी होनी चाहिए थी, लेकिन वहां केवल 10 टन बजरी ही मिली। इतनी बजरी न तो बारिश में बह सकती है और ना ही आंधी तूफान इतनी बजरी को उड़ा सकता है। फिलहाल यह अपनी तरह का एक रोचक मामला सामने आया है। अब देखना यह है कि केस दर्ज होने के बाद इसका नतीजा क्या निकलता है। फिलहाल बजरी कम होने के चलते खान विभाग की नीलामी प्रक्रिया सिर्फ कुछ थानों तक ही सिमट कर रह गई है।