प्रदेश का मेवाड़ अंचल यूं तो अपनी आन बान और शान के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। लेकिन इसके साथ ही जुड़े वागड़ अंचल की बात भी कुछ कम नहीं है। आदिवासी संस्कृति की जीती जागती मिसाल बने डूंगरपुर क्षेत्र में। आज भी कई अनूठे और निराले आयोजन देखने को मिलते हैं। यहां के कई क्षेत्रों में। होली भी रंग गुलाल के बजाय पत्थर फेंकने और अंगारों पर चलने जैसे खतरनाक अंदाज में मनाई जाती है। ऐसा नहीं इसके गंभीर परिणाम नहीं होते बल्कि हर साल कई आदिवासी युवक घायल भी होते हैं। और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। लेकिन यह सनातन परंपरा अभी तक बरकरार है।
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